Ziaur Rahman News: संभल से सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के बिना नक्शा पास कराए मकान निर्माण के मामले में सोमवार को एसडीएम डॉ. वंदना मिश्रा की कोर्ट में फिर से सुनवाई हुई। सांसद की ओर से पेश हुए वकील ने कोर्ट से मकान को शमन प्रक्रिया के तहत वैध कराने के लिए एक सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा। कोर्ट ने यह समय सीमा तय करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 3 जून निर्धारित की है।
यह मामला तब से सुर्खियों में है जब दिसंबर 2023 में एसडीएम ने बिना नक्शा पास मकान निर्माण को लेकर सांसद पक्ष को नोटिस दिया था। इसके बाद से कई बार इस मामले में सुनवाई हुई, लेकिन सांसद पक्ष हर बार समय मांगता रहा। अब तक इस पर 500 रुपये का जुर्माना भी लगाया जा चुका है। पहले 14 मई और 26 मई को सुनवाई तय की गई थी, लेकिन सांसद के वकील ने बार-बार समय की मांग की। इस बार कोर्ट ने अंतिम सुनवाई के लिए 3 जून की तारीख निर्धारित कर दी है।
सांसद Ziaur Rahman के पिता ममलूकुर्रहमान बर्क ने भी इस मामले में कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर स्वीकार किया था कि मकान बिना नक्शा पास कराए बनाया गया है। उन्होंने वारिस प्रमाण पत्र के आधार पर नगर पालिका रिकॉर्ड में अपने नाम की जगह पूर्व सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क का नाम दर्ज कराने की भी मांग की थी। साथ ही, नक्शा पास कराने के लिए विलंब शुल्क सहित आवेदन करने की बात कही थी। हालांकि कोर्ट ने यह कहा था कि जब तक मकान उनके नाम पर दर्ज नहीं होगा, तब तक नक्शा पास कराने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकती।
सोमवार को हुई सुनवाई में सांसद Ziaur Rahman के वकील ने कोर्ट को बताया कि वे मकान के शमन मानचित्र को स्वीकृत कराकर शमन शुल्क जमा करने को तैयार हैं। उन्होंने कोर्ट से इस प्रक्रिया के लिए एक सप्ताह का अतिरिक्त समय देने का अनुरोध किया। एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि इस मामले में पहली बार 5 दिसंबर 2023 को नोटिस जारी किया गया था और तब से सुनवाई के लिए कई तिथियां बढ़ाई गईं।
मामले में अब तक कई बार सांसद Ziaur Rahman पक्ष ने समय मांगा और कोर्ट को प्रक्रिया पूरी कराने में बाधा डाली। अब 3 जून की सुनवाई अंतिम मानी जा रही है। अगर सांसद पक्ष इस दिन भी पूरी तैयारी के साथ नहीं पहुंचा, तो कोर्ट कड़ी कार्रवाई कर सकती है। बिना नक्शा पास मकान निर्माण को विनियमित क्षेत्र में अवैध माना जाता है, जिसके कारण मकान के ध्वस्तीकरण या अन्य कानूनी कदम उठाए जा सकते हैं।
अगली सुनवाई में यह तय होगा कि सांसद जियाउर्रहमान अपने मकान को वैध कराने में सफल होंगे या नहीं। साथ ही जुर्माना और शमन शुल्क की राशि भी कोर्ट के समक्ष स्पष्ट होगी। इस मामले से जुड़े स्थानीय प्रशासन और राजनीतिक हलकों में भी अब कड़ी निगाहें लगी हुई हैं।