Mayawati Vacate bungalow: बसपा सुप्रीमो मायावती ने दिल्ली के लोधी एस्टेट स्थित अपना सरकारी आवास अचानक खाली कर दिया है, जिससे सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। यह वही बंगला है जो उन्हें फरवरी 2024 में एक राष्ट्रीय पार्टी की प्रमुख के तौर पर आवंटित किया गया था। लेकिन मात्र एक साल के भीतर ही उन्होंने यह आलीशान टाइप-VII श्रेणी का बंगला छोड़ दिया। पार्टी की ओर से इसकी वजह सुरक्षा कारणों को बताया गया है, लेकिन विपक्ष और विश्लेषक इस कदम को सियासी नजरिए से भी देख रहे हैं।
बताया जा रहा है कि यह बंगला BSP के केंद्रीय कार्यालय 29, लोधी एस्टेट के ठीक पीछे स्थित था। दोनों संपत्तियों का पिछले साल एक जैसा नवीनीकरण हुआ था। सुरक्षा कारणों के चलते Mayawati ने 20 मई को चुपचाप बंगला खाली किया और चाबियां CPWD को सौंप दीं। दिलचस्प बात यह है कि इसी बंगले के पास विद्या भवन महाविद्यालय नामक एक स्कूल भी है, जिसका एक गेट 35, लोधी एस्टेट वाली सड़क पर खुलता है। स्कूल वैन, अभिभावकों की गाड़ियां और छात्रों की आवाजाही सुरक्षा व्यवस्था में बाधा बन रही थी।
Z+ श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त Mayawati के लिए हर बार घर में आने-जाने से पहले बम निरोधक दस्ते को जांच करनी पड़ती थी, जिससे इलाके में तनाव और असुविधा का माहौल बन जाता था। यही कारण है कि BSP नेताओं ने इस स्थान को असुरक्षित मानते हुए स्थान बदलने की सलाह दी। हालांकि दिल्ली पुलिस का कहना है कि उन्हें इस पते पर किसी खास सुरक्षा खतरे की जानकारी नहीं थी, लेकिन Z+ सुरक्षा यूनिट को स्थानांतरण की सूचना दे दी गई है।
दिलचस्प बात यह है कि यह वही Mayawati हैं जिन्होंने करीब एक दशक पहले लुटियंस दिल्ली स्थित अपने पुराने आवास के पास से बस स्टॉप हटवाया था, यह कहते हुए कि उनकी सुरक्षा को खतरा है। इस बार भी पार्टी नेताओं की चुप्पी से मामला और रहस्यमय बन गया है।
सियासी विश्लेषक इस कदम को BSP की कमजोर होती स्थिति से भी जोड़ रहे हैं। पार्टी हाल ही में आंतरिक बदलावों से गुजरी है, जिसमें मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को दोबारा बड़ी भूमिका दी है। ऐसे में यह देखना अहम होगा कि मायावती अब कहां रहेंगी और BSP आगे की रणनीति में क्या नया मोड़ लाती है।