कानपुर से समुद्री कचरे का पायलट प्रोजेक्ट शुरू
गंगा किनारे बसा कानपुर यूपी का इकलौता शहर है जहां से समुद्री कचरे का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया। जर्मनी की कंपनी प्लास्टिक फिशर इंडिया और नगर निगम में अगस्त 2022 को एमओयू हुआ था। तय हुआ कि बड़े प्लास्टिक को तो गंगा में जाने से रोकना बड़ी बात नहीं है मगर माइक्रो प्लास्टिक नहीं जानी चाहिए, क्योंकि यह पानी में मिलकर आसानी से समुद्र में पहुंच जाती है। यहां जिस प्रोजेक्ट की लांचिंग की गई उसका नाम ही ‘मरीन लिटर’ रखा गया। कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर अनुज श्रीवास्तव कहते हैं कि यह चुनौती हमारे लिए बड़ी थी मगर धीरे-धीरे हमने नियंत्रण कर लिया। गंगा की तरफ जाने वाले नालों में ही ट्रैशबूम लगा दिए। इसका परिणाम भी सकारात्मक निकला है।
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जर्मनी की कंपनी के सहयोग से प्रोजेक्ट शुरू
मामले को लेकर अनुज कुमार श्रीवास्तव कहते हैं कि, समुद्री कचरे के निस्तारण के लिए जर्मनी की प्लास्टिक बैग बनाने की वाली कंपनी ‘गॉड बैग’ के साथ ही यूएस बेस्ड कंपनी डॉलर डोनेशन क्लब से मदद मिल रही है। नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने बताया कि एग्रीमेंट के मुताबिक कंपनी ने अच्छा काम किया है। हमने तय किया था कि गंगा में किसी तरह का कचरा न जाए। खास तौर पर प्लास्टिक कचरा रोकने के लिए जर्मनी की कंपनी के सहयोग से प्रोजेक्ट शुरू किया गया था। अब तक चार हजार कुंतल प्लास्टिक गंगा में जाने से रोका गया है। उस प्लास्टिक से उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं।
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