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Lucknow का काला सच: ऑनलाइन गेमिंग और कर्ज़ के जाल में फंसे बेटे ने मां की हत्या की, मंगलसूत्र के लिए सिलेंडर से सिर कुचला

Lucknow

Lucknow Murder: उत्तर प्रदेश के लखनऊ से एक स्तब्ध कर देने वाला मामला सामने आया है, जहाँ ऑनलाइन गेमिंग की लत और कर्ज़ के बोझ तले दबे एक बेटे ने अपनी ही मां की बेरहमी से हत्या कर दी। बाबूखेड़ा यादव गांव में 45 वर्षीय रेनू यादव की हत्या उनके मंझले बेटे निखिल ने की। पुलिस ने तीन दिन बाद निखिल को फ़तेहपुर से गिरफ़्तार कर लिया।

जघन्य अपराध की वजह: गेमिंग और कर्ज़

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जाँच में सामने आया कि 24 वर्षीय निखिल ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म ‘एविएटर’ का आदी था और वह सट्टेबाज़ी में लगभग 24,000 रुपये गंवा चुका था। इस नुकसान की भरपाई के लिए उसने विभिन्न लोन ऐप्स से क़रीब 29,600 रुपये का कर्ज़ लिया था। इन ऐप्स की ऊँची ब्याज दरें और वसूली का लगातार दबाव उसे अत्यधिक तनाव दे रहा था। जब निखिल घर में चोरी कर रहा था, तब उसकी माँ रेनू ने उसे पकड़ लिया और पहले से चुराए गए मंगलसूत्र के लिए उसे डांटा। मां की यह टोका-टाकी और डांट निखिल को इतनी नागवार गुज़री कि उसने यह जघन्य कदम उठा लिया।

वारदात का ख़ौफ़नाक मंज़र

पुलिस के खुलासे के अनुसार, दोपहर करीब ढाई बजे रेनू ने निखिल को घर में चोरी करते और मंगलसूत्र चुराते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। मां की फटकार सुनकर निखिल गुस्से में आ गया। उसने अलमारी से पेचकस निकाला और मां की गर्दन पर ताबड़तोड़ वार किए। जब मां चीख रही थीं, तो निखिल ने चीखें बाहर न जाएं, इसलिए टीवी का वॉल्यूम तेज़ कर दिया। मां के बेहोश होने पर भी उसका गुस्सा शांत नहीं हुआ। उसने पास रखा खाली गैस सिलेंडर उठाया और रेनू के सिर पर तीन बार ज़ोर से वार किया, जिससे उन्होंने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया।

हत्या के बाद, निखिल ने घर के गहने और मंगलसूत्र बैग में भरे और पिता की बाइक लेकर फ़रार हो गया। पिता रमेश यादव को सूचना मिलने पर घर पहुंचे और खून से लथपथ पत्नी को देखकर तुरंत अस्पताल ले गए, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पुलिस और विशेषज्ञ की चेतावनी

पुलिस ने त्रिवेणी एक्सप्रेस ट्रेन में सवार निखिल को सोमवार को फतेहपुर से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने बिना किसी पछतावे के अपना अपराध कबूल किया।

साइबर थाना इंस्पेक्टर बृजेश यादव ने इस घटना पर चिंता जताते हुए कहा कि ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स युवाओं को लालच देकर उनके जाल में फंसाते हैं। उन्होंने माता-पिता को सलाह दी है कि वे बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नज़र रखें और उन्हें गेमिंग के खतरों के बारे में जागरूक करें, ताकि ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके। यह घटना स्पष्ट करती है कि ऑनलाइन सट्टेबाज़ी और गेमिंग की लत किस हद तक युवाओं को अपराधी बना सकती है।

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