PM Modi Speech: ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन ने वैश्विक स्तर पर चर्चा को जन्म दिया है। अपने भाषण में पीएम मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में समझौता नहीं करेगा। उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि यदि उसने दोबारा दुस्साहस किया, तो भारत अपनी शर्तों पर जवाब देगा। साथ ही, उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश को भी ठुकरा दिया।
वाशिंगटन पोस्ट ने PM Modi के इस भाषण पर विशेष टिप्पणी करते हुए लिखा कि भारत ने सैन्य कार्रवाई को केवल “स्थगित” किया है, समाप्त नहीं किया। अखबार के अनुसार, मोदी ने साफ कर दिया है कि पाकिस्तान के साथ अब कोई भी संवाद तभी संभव है जब बात आतंकवाद और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर होगी। उन्होंने ट्रंप की मध्यस्थता की बात को दरकिनार करते हुए भारत की स्वतंत्र रणनीति को सामने रखा।
इसी तरह, जापान टाइम्स ने अपने विश्लेषण में कहा कि PM Modi ने अपने संबोधन में अमेरिका का कोई जिक्र नहीं किया, न ही युद्धविराम में अमेरिकी भूमिका को महत्व दिया। इसके बजाय, उन्होंने बताया कि पाकिस्तान तब पीछे हटा जब भारतीय सेना ने निर्णायक हमला किया। मोदी ने यह भी जोड़ा कि भारत अब किसी भी परमाणु धमकी या दबाव के आगे नहीं झुकेगा।
द गार्जियन ने पीएम मोदी के उस बयान को हाईलाइट किया जिसमें उन्होंने कहा कि भारत की सैन्य कार्रवाई रोकी गई है, लेकिन उसका अंत नहीं हुआ। अखबार ने पाकिस्तानी अधिकारियों के हवाले से दावा किया कि भविष्य में अगर कोई वार्ता होती है, तो वह किसी तीसरे देश में हो सकती है, जिसमें संयुक्त अरब अमीरात का नाम सामने आया है, हालांकि भारत ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
वहीं, पाकिस्तान की मीडिया एजेंसी समा टीवी ने PM Modi के भाषण को एक तरह की “युद्ध की धमकी” बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत के प्रधानमंत्री ने फिर से आक्रामक भाषा का प्रयोग करते हुए संभावित बातचीत की राह को जटिल बना दिया है।
कुल मिलाकर, पीएम मोदी का भाषण वैश्विक मंच पर भारत की दृढ़ सैन्य और कूटनीतिक नीति का प्रदर्शन बनकर उभरा है, जिसमें भारत ने स्पष्ट कर दिया कि आतंकवाद पर अब कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।