UP constable resignation: उत्तर प्रदेश में सिपाही भर्ती के बाद सभी नवनियुक्त जवान अलग-अलग जिलों में ट्रेनिंग कर रहे हैं। इसी कड़ी में देवरिया पुलिस लाइन में भी 17 जून से जेटीसी प्रशिक्षण शुरू हुआ, जिसमें अंबेडकर नगर, अयोध्या, आजमगढ़, गाजीपुर और सुल्तानपुर के रिक्रूट सिपाही शामिल हैं। इसी दौरान गाजीपुर जिले का एक सिपाही ट्रेनिंग शुरू होने के महज पांच दिन बाद ही इस्तीफा देने का मन बना बैठा।
सोमवार सुबह वह अपने पिता के साथ देवरिया के एसपी कार्यालय पहुंचा और वहां मौजूद पीआरओ डॉ. महेंद्र कुमार से एसपी से मिलने की इच्छा जताई। जब पीआरओ ने मिलने का कारण पूछा तो रिक्रूट सिपाही की बात सुनकर वह भी अचरज में पड़ गए। सिपाही ने स्पष्ट रूप से कहा कि उसे नौकरी छोड़नी है क्योंकि ट्रेनिंग में सुबह चार बजे उठना उसकी आदत में नहीं है और वह इस दिनचर्या को नहीं निभा सकता।
सिपाही ने बताया कि वह पढ़ाई में बहुत अच्छा है और UP बीएड तथा UP टीईटी की परीक्षा पास कर चुका है। उसका सपना शिक्षक या अधिकारी बनने का है। उसने बताया कि वह रोज सुबह आठ बजे तक सोकर उठता है और उसके बाद कई घंटों तक पढ़ाई करता है। इस अचानक बदली दिनचर्या के कारण वह मानसिक रूप से परेशान हो गया है और अब यह नौकरी करना नहीं चाहता।
सिपाही के पिता ने भी बेटे का समर्थन करते हुए कहा कि वह हमेशा से पढ़ाई में आगे रहा है और सिपाही की नौकरी उसके मन की पसंद नहीं है। उनका दूसरा बेटा पहले से ही देवरिया के श्रीरामपुर थाने में तैनात है।
पीआरओ ने पिता-पुत्र को धैर्यपूर्वक समझाया कि ट्रेनिंग के शुरुआती दिनों में अक्सर इस तरह की समस्याएं आती हैं। समय के साथ सारा माहौल अनुकूल हो जाता है और यह नौकरी भविष्य में बेहतर अवसर दे सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि इतनी जल्दी निर्णय लेना सही नहीं होगा। काफी समझाने के बाद पिता और बेटा एसपी से मिले बिना ही घर लौट गए।
इस पूरे मामले पर UP सीओ लाइन दीपक शुक्ला ने कहा कि उन्हें इस तरह की घटना की जानकारी नहीं थी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि ट्रेनिंग की शुरुआत में रिक्रूट्स को सामान्य रूप से कठिनाई होती है लेकिन धीरे-धीरे वे नए माहौल में ढल जाते हैं।
यह मामला UP पुलिस लाइन में चर्चा का विषय बन गया है। सभी यही कह रहे हैं – ‘नौकरी मिलते ही हार मान ली!’