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Varanasi ठाकुर बनाम राजभर विवाद: गाय से शुरू हुआ मामला अब राजनीतिक बवंडर में बदल गया

Varanasi

Varanasi disputes: वाराणसी के छितौना गांव में ठाकुर और राजभर समुदाय के बीच हुआ एक मामूली विवाद अब सामाजिक और राजनीतिक तनाव का बड़ा कारण बन चुका है। 5 जुलाई को खेत में गाय घुसने से शुरू हुई यह झड़प अब एफआईआर, राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप और एसआईटी जांच तक जा पहुंची है।

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मामला तब शुरू हुआ जब संजय सिंह के खेत में एक गाय घुस आई, जिसे भगाने के बाद वह बगल में स्थित राजभर बिरादरी के खेत में चली गई। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई जो जल्द ही हिंसक झड़प में बदल गई। आरोप है कि इस संघर्ष में लाठी, डंडे और तलवारों का भी इस्तेमाल हुआ, जिससे कई लोग घायल हो गए।

Varanasi पुलिस ने घटना के बाद संजय सिंह और उनके भाई अनुराग सिंह को हिरासत में लिया, लेकिन रास्ते में राजभर पक्ष के कुछ लोगों ने कथित रूप से पुलिस जीप से खींचकर संजय सिंह पर दोबारा हमला कर दिया। संजय सिंह समेत अन्य घायलों को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है।

राजभर पक्ष की महिला सदस्य सुनीता ने आरोप लगाया कि संजय सिंह ने उनकी ननद से जबरदस्ती करने की कोशिश की और विरोध करने पर उनके पति और देवर को बुरी तरह पीटा गया। सुनीता ने यह भी कहा कि उनका परिवार बीते एक हफ्ते से अस्पताल में भर्ती है और उन्हें न्याय चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से ठाकुर परिवार पर कार्रवाई की मांग की।

मामले में मंत्री अनिल राजभर के हस्तक्षेप के बाद ठाकुर परिवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, जिससे ठाकुर पक्ष ने नाराजगी जताई। उनका आरोप है कि मंत्री के दबाव में केवल एकतरफा कार्रवाई हुई और उनकी शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं हुई। ठाकुर बिरादरी के समर्थन में करणी सेना और भाजपा नेता राकेश सिंह सामने आए, जिन्होंने पुलिस थाने का घेराव भी किया।

बढ़ते विवाद को देखते हुए पुलिस विभाग ने चौबेपुर थाना प्रभारी को लापरवाही के चलते मीटिंग से बाहर कर दिया और चार वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की एक विशेष जांच टीम (SIT) गठित की है।

अब छितौना गांव में Varanasi पुलिस बल की भारी तैनाती है और मीडिया के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। विवाद के चलते दोनों पक्षों में तनाव बना हुआ है, और सियासी बयानबाजी तेज होती जा रही है।

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