Chanakya Niti: नैतिकता में मानव जीवन की कई महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं। आचार्य चाणक्य ने भी महिलाओं के बारे में बहुत कुछ लिखा है। आचार्य के अनुसार, परिवार बनाने या नष्ट करने में महिलाओं के गुण और अवगुण बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए स्त्री के साथ संबंध बनाने से पहले उसके गुण-दोषों पर अवश्य ध्यान देना चाहिए।
आचार्य चाणक्य ने भी इस नीति में महिलाओं के बारे में कई बातें बताई हैं। आचार्य का कहना है कि परिवार को बनाने या बिगाड़ने में सबसे बड़ी भूमिका महिलाओं की होती है। यदि स्त्री सदाचारी है तो वह परिवार की दशा को सुधार की ऊंचाइयों तक ले जाती है, जबकि अवगुण वाली स्त्री परिवार को तबाह कर सकती है। इसलिए ऐसी महिलाओं से हमेशा दूरी बनाकर रखें।
आचार्य चाणक्य का कहना है कि शिक्षा परिवार और समाज में एक बड़ा बदलाव लाती है। शिक्षित और बुद्धिमान महिला होगी तो वह परिवार और समाज के निर्माण का कार्य करेगी। दूसरी ओर, अशिक्षित महिला परिवार को बर्बाद कर सकती है। क्योंकि शिक्षा के अभाव में उनके अंदर कई ऐसे अवगुण समा सकते हैं, जो पूरे समाज को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
आचार्य चाणक्य का कहना है कि अगर किसी पुरुष या महिला में लालच की भावना है, तो वह अपने सहित अपने आसपास के लोगों को बर्बाद कर सकती है। वहीं अगर स्त्री के अंदर लोभ का दोष हो तो उसका सबसे ज्यादा असर परिवार पर पड़ता है। यह दोष रखने वाली महिला न केवल घर की शांति भंग करती है, बल्कि पूरे परिवार को भी बर्बाद कर देती है।
आचार्य चाणक्य का मानना है कि अहंकार हर इंसान के लिए विनाशकारी है। वहीं यदि स्त्री में अहंकार हो तो उस पर माता सरस्वती और माता लक्ष्मी दोनों ही क्रोधित रहती हैं। ऐसी महिलाएं न तो अपने ज्ञान और बुद्धि का उपयोग कर पाती हैं और न ही सही दिशा में कोई काम कर पाती हैं। ये अपने अहंकार के कारण घर के सुख-समृद्धि को पूरी तरह से नष्ट कर देते हैं।