Akhilesh Yadav और आजम खान की मुलाकात: सपा में एकजुटता और रणनीतिक संतुलन का नया संकेत

Akhilesh Yadav Meet Azam Khan: समाजवादी पार्टी के भीतर चल रही सियासी हलचलों के बीच सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव बुधवार को वरिष्ठ नेता आजम खान से मिलने रामपुर पहुंचे। यह भेंट ऐसे समय में हुई जब पार्टी 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारियों में जुटी है और मुस्लिम नेतृत्व में असंतोष की खबरें सामने आ रही हैं। अखिलेश का यह दौरा संगठनात्मक मजबूती और पार्टी की एकता को दिखाने के प्रतीकात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है। बरेली हिंसा के बाद सपा प्रतिनिधिमंडल के न जा पाने के बाद अखिलेश का यह दौरा और भी चर्चित हो गया है।

लखनऊ से रवाना हुए Akhilesh Yadav पहले बरेली पहुंचे, जहां से सड़क मार्ग से रामपुर गए। दोपहर करीब 12:30 बजे उन्होंने आजम खान के आवास पर पहुंचकर उनसे विस्तृत चर्चा की। सूत्रों के अनुसार, दोनों नेताओं ने पार्टी की अंदरूनी स्थिति, राजनीतिक समीकरण, और आगामी चुनावों की रणनीति पर विचार साझा किया। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य पार्टी में तालमेल बढ़ाना और मुस्लिम नेतृत्व को भरोसे में लेना था।

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आजम खान रामपुर में मुस्लिम वोट बैंक के मजबूत स्तंभ माने जाते हैं। ऐसे में अखिलेश की यह मुलाकात सपा की उस कोशिश का हिस्सा है जिसके ज़रिए वह मुस्लिम मतदाताओं के बीच अपने प्रभाव को फिर से मजबूत करना चाहते हैं। राजनीतिक पर्यवेक्षक मानते हैं कि आजम और अखिलेश की एकजुटता भाजपा के लिए रामपुर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुस्लिम बहुल इलाकों में नई चुनौती बन सकती है। यह कदम सपा के लिए न केवल चुनावी बल्कि वैचारिक दृष्टि से भी अहम साबित हो सकता है।

आजम खान की जेल से रिहाई के बाद उनके नाराजगी भरे बयानों ने सपा नेतृत्व के लिए चिंता बढ़ाई थी। उन्होंने कई बार कहा था कि पार्टी ने उनकी उपेक्षा की है। ऐसे में यह मुलाकात रिश्तों को सुधारने की कोशिश के रूप में देखी जा रही है। सपा के भीतर भी यह संदेश देने की आवश्यकता थी कि आजम खान की भूमिका अब भी सम्मानजनक बनी हुई है। साथ ही, अन्य मुस्लिम नेताओं को भी यह संकेत देना जरूरी था कि उनकी स्थिति पर कोई खतरा नहीं है।

Akhilesh Yadav का यह दौरा स्पष्ट करता है कि सपा अब आंतरिक मतभेदों को खत्म कर एकजुटता की दिशा में आगे बढ़ना चाहती है, ताकि 2027 के चुनावों से पहले संगठन मजबूत और संतुलित रूप में सामने आए।