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Saturday, May 10, 2025
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खरना की पूजा इस खास चीज के बिना मानी जाती है अधूरी, पहली बार रख रहे हैं व्रत तो जान लें ये बातें

Chhath Puja 2024: चार दिवसीय महापर्व छठ के दूसरे दिन खरना मनाया जाता है। इस खरना का विशेष महत्व होता है क्योंकि इस दिन से व्रती महिलाओं का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है। खरना के दिन बनाए जाने वाले प्रसाद को महाप्रसाद कहा जाता है। महिलाएं इस प्रसाद को खाकर सबसे कठिन व्रत की शुरुआत करती हैं। इस साल खरना 6 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा, तो चलिए जानते हैं इससे जुड़ी पूरी जानकारी।

खीर के बिना खरना की पूजा अधूरी

बता दें कि, खरना के दिन व्रती महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और सूर्यास्त के बाद ही अन्न-जल ग्रहण करती हैं। खरना के दिन मिट्टी के चूल्हे पर चावल और गुड़ की खीर बनाई जाती है। इस खीर के बिना खरना की पूजा अधूरी मानी जाती है। खरना के दिन प्रसाद के रूप में खीर खाई जाती है। इस खीर को खाकर महिलाएं अपना 36 घंटे का छठ व्रत शुरू करती हैं। खरना के दिन गड्ढ़े में बनी चावल की खीर खाने का विशेष महत्व है। खरना का मतलब है तन और मन की शुद्धि। खरना प्रसाद में गुड़ के चावल की खीर के अलावा केला और रोटी भी शामिल होती है।

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खरना के दिन इन बातों का जरुर रखें ध्यान

  • खरना का प्रसाद साफ और नए बर्तनों में ही बनाना चाहिए।
  • प्रसाद बनाने के लिए मिट्टी के चूल्हे या नए और धुले हुए गैस/चूल्हे का ही इस्तेमाल करें।
  • शुद्ध मन से खरना पूजा करें और फिर छठ व्रत रखने का संकल्प लें।
  • भगवान को खीर, रोटी और केला का भोग लगाएं।
  • इसके बाद छठ व्रती को सबसे पहले खरना का प्रसाद ग्रहण करना चाहिए।
  • व्रती के प्रसाद ग्रहण करते समय सभी को शांत रहना चाहिए।
  • व्रती के प्रसाद ग्रहण करने के बाद ही परिवार के अन्य सदस्यों को प्रसाद खाना चाहिए।
  • खरना के दिन भूलकर भी नमक या अन्य तामसिक चीजों का सेवन न करें।
  • छठ व्रत के दौरान व्रती को जमीन पर सोना चाहिए और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।

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