spot_img
Thursday, September 18, 2025
-विज्ञापन-

More From Author

क्या उप-चुनाव में खुल जाएगी गठबंधन की गांठ ?

वेस्टर्न यूपी की सीटें बिगाड़ सकती हैं बात

एस.के.बाजपेई

लखनऊ। जहां सूबे में विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उप-चुनाव की तैयारियों में तमाम राजनैतिक दल जुटे हुए हैं। वहीं बीजेपी गठबंधन और इंडिया गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर स्थिति अब तक साफ नहीं है। हालाकि चाहें बीजेपी हो या फिर कांग्रेस-सपा सभी 10 की 10 सीटों पर पार्टी और संगठन को मजबूत करने पर जोर दे रहे हैं। कहा भले ही जा रहा हो कि सहयोगी दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ा जाएगा,

मगर तमाम राजनैतिक दलों की हर सीट पर सक्रियता ये सवाल उठा रही है कि कहीं उप-चुनाव में गठबंधन की गांठ खुल तो नहीं जाएगी ?

उप-चुनाव की 10 सीटों पर कसरत

उत्तर प्रदेश में हुए लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है जहां एक ओर लोकसभा चुनाव के दौरान इंडिया गठबंधन ने उत्तर प्रदेश में मजबूती के साथ चुनाव लड़ा।अब उपचुनाव की बारी है ऐसे में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में अभी तक सीटों के बंटवारे को लेकर कोई वार्ता नहीं सफल हो पाई है।

सपा और कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी में है।यूपी में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में दोनो की पार्टियों ने तैयारियां तेज कर दी है।इन 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने है सीसामऊ, कटेहरी, करहल, मिल्कीपुर और कुंदरकी सपा के पास थीं। वहीं, फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां और खैर भाजपा के पास थीं।मीरापुर सीट भाजपा के सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के पास थी।

तैयारी भी, गठबंधन का राग भी

हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में देखने को मिला कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के मजबूत गठबंधन ने उत्तर प्रदेश की सीटों में बहुत बड़ा उलट फेर किया था। अब बारी उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की है जहां पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में कुछ भी ठीक दिखाई नहीं पड़ रहा है

एक और जहां समाजवादी पार्टी विधानसभा वार पदाधिकारी की बैठक करने में जुटी हुई है प्रभारी बनने में जुटी हुई है तो कल देर शाम कांग्रेस पार्टी ने भी एक बड़ी और अहम बैठक की जिसमें उत्तर प्रदेश की विधानसभा सीटों पर होने वाले उप चुनाव के प्रभारी के नाम पर मोहर लगा दी है। इस सबके बावजूद जहां कांग्रेस इंडिया गठबंधन के साथ चुनाव लड़ने की बात कह रही है, वहीं वीरवार को अखिलेश यादव ने भी गठबंधन के साथ मिलकर ही चुनाव लड़ने की बात कही है।
ग्राउंड लेबल पर जुटी बीजेपी

लोकसभा चुनाव के नतीजे को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी भी कोई कसर छोड़ना नहीं चाहती है इसलिए उपचुनाव के लिए 30 मंत्रियों की फौज लगाई गई है जो बारी-बारी से जिन सीटों पर उपचुनाव होना है वहां की जमीन को परख रहे हैं और अपनी रिपोर्ट संगठन तक पहुंचा रहे हैं मंत्रियों के साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व संगठन महामंत्री भी जमीनी पड़ताल में जुटे हुए हैं।

वेस्टर्न यूपी खोल सकती है गठबंधन की ‘गांठ’

सपा और कांग्रेस जिस तरीके से लगातार उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव को लेकर तैयारी में जुटे हुए हैं उसके कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं माना जा रहा है कि सपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों 10 सीटों की चुनाव की तैयारी में जुटी हुई है 10 सीटों की अगर बात की जाए तो 2022 में समाजवादी पार्टी ने पांच सीटे जीती थी।

जब भी 4 सीटें भारतीय जनता पार्टी के पाले में थी व एक सीट आरएलडी यानी कि भाजपा के सहयोगी दल के पास थी। ऐसे में कांग्रेस पार्टी वेस्ट यूपी की चार सीटों पर दावेदार खोजने में जुटी हुई है सूत्रों की माने तो मुरादाबाद कुंदरकी सीट पर कांग्रेस के नेताओ ने अभी तक 13 आवेदन कर दिए है।

इन परिस्थितियों में लगभग तय माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस उत्तर प्रदेश विधानसभा के उप चुनाव की सीटों पर अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे। यूपी में होने वाले 10 सीटो में 4 सपा की 3 भाजपा की एक आरएलडी की एक निषाद पार्टी की है ऐसे में कॉंग्रेस की कोई सीट नही है।

इंडिया गठबंधन में सपा कॉंग्रेस महत्वपूर्ण है पहले नम्बर पर कांग्रेस के उम्मीदवार ज्यादा दूसरे नम्बर पर सपा के उम्मीदवार है।ऐसे में कांग्रेस भी अपने एमएलए बढ़ाना चाहती है।यूपी में अभी अभी उपचुनाव की घोषणा नही हुई है,राहुल गांधी भी संजीदा है ऐसे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।

Latest Posts

-विज्ञापन-

Latest Posts