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Friday, August 1, 2025
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ED Action: डब्ल्यूटीसी समूह की 2348 करोड़ की संपत्तियां जब्त, रियल एस्टेट धोखाधड़ी में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच जारी

ED Action: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के तहत डब्ल्यूटीसी समूह की 2348 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को जब्त किया है। ये संपत्तियां उत्तर प्रदेश के नोएडा और एनसीआर के अन्य हिस्सों के साथ-साथ गोवा में स्थित हैं। जांच पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट), 2002 के तहत की जा रही है, और यह कार्रवाई रियल एस्टेट धोखाधड़ी के एक गंभीर मामले में हुई है जिसमें सैकड़ों निवेशकों को आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया है।

ED

इस मामले की तह में जाएं तो डब्ल्यूटीसी फरीदाबाद और इसकी सहयोगी कंपनियों पर आरोप है कि उन्होंने निवेशकों से करोड़ों रुपये की वसूली की, वो भी उन भूखंडों और परियोजनाओं के नाम पर जिनके लिए वैध सरकारी लाइसेंस ही नहीं था। ईडी के अनुसार, समूह के प्रमोटर आशीष भल्ला ने करीब 274 करोड़ रुपये की राशि निवेशकों से एकत्र की और फिर इस रकम को दूसरी कंपनियों में निवेश कर निजी उपयोग में लाया।

इस अवैध निवेश से समूह ने संपत्तियां खरीदीं, बैंकों का कर्ज चुकाया और व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा किया। 6 मार्च को ईडी ने प्रमोटर आशीष भल्ला को गिरफ्तार किया था और तभी से मामले की गंभीरता को देखते हुए संपत्ति की पहचान और जब्ती की प्रक्रिया जारी थी।

ED ने जिन संपत्तियों को जब्त किया है, उनमें कुल 159 एकड़ जमीन शामिल है। इनमें कुछ जमीन पर आवासीय और व्यावसायिक परियोजनाएं विकसित करने के लिए लाइसेंस प्राप्त हैं, जबकि कुछ जमीन अब भी कृषि उपयोग के तहत पंजीकृत हैं। जब्त की गई संपत्तियों में नोएडा की बिना बिकी रियल एस्टेट इन्वेंट्री, गोवा में हाई-एंड रेजिडेंशियल प्रॉपर्टीज और दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में स्थित वाणिज्यिक परिसर शामिल हैं।

ED के अनुसार, यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग के विरुद्ध की जा रही उस व्यापक मुहिम का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों की पहचान कर उन्हें जब्त करना है। इस मामले से रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता एक बार फिर उजागर हुई है, जिससे निवेशकों की सुरक्षा और विश्वास बहाल किया जा सके।

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