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Wednesday, December 17, 2025
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Aluminum Rack Train: रेल मंत्री ने देश की पहली एल्युमीनियम रेक मालगाड़ी को भुवनेश्वर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया

Aluminum Rack Train: देश में पहली बार मालगाड़ी के डिब्बों को एल्युमीनियम का बनाया गया है, जिसे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. देश में पहली बार एल्युमीनियम रैक बनाए गए हैं। रेलवे ने ये रेक आरडीएसओ, बेस्को और हिंडाल्को की मदद से तैयार किए हैं। ये रैक मेक इन इंडिया के तहत बनाए गए हैं।

एल्यूमीनियम रैक की विशेषताएं
नए बने एल्यूमीनियम रैक के अधिरचना पर कोई वेल्डिंग नहीं है। ये पूरी तरह से बंद हैं। एल्युमीनियम रेक की विशेषता यह है कि वे सामान्य स्टील रेक की तुलना में 3.25 टन हल्के होते हैं और 180 टन अतिरिक्त भार ढो सकते हैं। एल्यूमीनियम रैक ईंधन की बचत भी करेगा और कार्बन उत्सर्जन को कम करेगा।

14,500 टन कम कार्बन उत्सर्जन
साथ ही, एक एल्युमीनियम रेक अपने सेवाकाल के दौरान लगभग 14,500 टन कम कार्बन उत्सर्जित करेगा। इसके साथ ही इन एल्युमीनियम रैक की रीसेल वैल्यू 80% है। एल्युमीनियम रैक सामान्य स्टील रैक की तुलना में 35% महंगे होते हैं क्योंकि पूरी सुपर संरचना एल्यूमीनियम से बनी होती है। एल्युमीनियम रेक की लाइफ भी सामान्य रेक की तुलना में 10 वर्ष अधिक होती है, इसकी रखरखाव लागत भी कम होती है क्योंकि इसमें जंग और घर्षण का प्रतिरोध अधिक होता है।

आधुनिकीकरण अभियान में मील का पत्थर
ईस्ट कोस्ट रेलवे (ईसीआर) के सूत्रों के अनुसार, बड़े पैमाने पर आधुनिकीकरण अभियान में एल्युमीनियम फ्रेट रेक एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। क्योंकि एल्युमीनियम पर स्विच करने से कार्बन फुटप्रिंट में काफी कमी आएगी। वहीं, एक अनुमान के मुताबिक केंद्र सरकार की ओर से लॉन्च किए जाने वाले 2 लाख रेलवे वैगनों में से अगर पांच फीसदी एल्युमीनियम का है तो एक साल में करीब 1.5 करोड़ टन कार्बन उत्सर्जन को बचाया जा सकता है.

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