Popcorn Tax in India: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक के दौरान जीएसटी दरों के पीछे के तर्क को समझाया. उन्होंने कहा कि नमकीन, कारमेलाइज्ड, सादे पॉपकॉर्न को कुछ राज्यों में नमकीन के रूप में बेचा जा रहा है. कारमेलाइज्ड पॉपकॉर्न में चीनी मिलाई जाती है, इसलिए इसके रेट अलग होने चाहिए।
GST काउंसिल ने कारमेल पॉपकॉर्न पर 18 फीसदी GST लगाने की सिफारिश की, जिसके बाद से सोशल मीडिया पर हुआ विवाद , सिफारिश के बाद वित्त मंत्री आलोचनाओं के घेरे में आ गई हैं. फिलहाल नमकीन पॉपकॉर्न पर 5 फीसदी जीएसटी लगता है.
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स्टार्टअप कंपनी के फाउंडर के मन मैं आया भारत छोड़ने का फैसला – कारमेल पॉपकॉर्न पर तीन तरह का टैक्स लागू करने के फैसले के बाद से ही मामला चर्चा का विषय बन गया है. एक इंडियन स्टार्टअप कंपनी के फाउंडर के मन मैं आया भारत छोड़ने का फैसला। बोला’ अधिक कमाई करने वाले लोगों को भारत छोड़ना पड़ेगा। भारत में टैक्स सबसे ज्यादा है और बुनियादी सुविधाएं सबसे खराब. फाउंडर ने ज्यादा सैलरी वाले कर्मचारी को भारत छोड़कर संयुक्त अरब अमीरात और थाईलैंड जैसे देशों में सेटल होने की सलाह दी है. उन्होंने आगे बताया कि भारत में कई नियम इनोवेशन को रोकते है. उन्होंने कहा कि चीजों को आसानी से करवाने के लिए आपको नौकरशाह, राजनेता या सेलेब होना चाहिए. उन्होंने उदाहरण भी दिया, हमारे ऐप पर धोखाधड़ी का एक मामला आया था और एफआईआर दर्ज की गई थी. हमने मामले को सुलझाया और पुलिस की मदद की और पीड़ित को उसके पैसे वापस मिले. सोचिए, हम पर आरोप लगाया गया और पुलिस ने मामला बंद नहीं किया और हमसे पैसे की उम्मीद की. ये हमारा भारत है ,कहते हुए तन्ज़ कसा।
फिलहाल पॉपकॉर्न पहले से पैक और लेबल वाले रेडी-टू-ईट स्नैक्स पर 12 फीसदी जीएसटी लगता है. वहीं, कारमेलाइज्ड पॉपकॉर्न पर 18 फीसदी की उच्च दर लागू होती है. नमक और मसालों के साथ अनपैक और अनलेबल पॉपकॉर्न के लिए, जीएसटी 5 फीसदी निर्धारित किया गया है.
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