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Monday, October 13, 2025
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    Fake Currency: 500 और 2000 के फर्जी नोटों की ऐसे करें जांच, लग जाएगा असली-नकली का फर्क पता, जानें कैसे

    Indian Note: फर्जी मुद्रा (Fake Currency) देश की अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर डालती है। कई बार बाजार में बहुत लोग नकली नोटों को चालाकी से चला देते है और उनमे फर्क करना भी बहुत मुश्किल होता है। हालांकि असली और नकली नोटों में बहुत मामूली सा फर्फ होता है, जिसे बहुत से लोग नहीं पहचान पाते और धोखा खा जाते हैं। भारत में फर्जी मुद्रा जैसे समस्या से निपटने के लिए सरकार ने 2016 में डिमोनेटाइजेशन (Demonetisation) किया था, जिसके बाद उपयोग में आने वाले वर्तमान नोटों में दोहराव से बचने के लिए चेकिंग की एक बहु-स्तरीय सुविधा है। वहीं, अगर फिर भी आपको कहीं बाजार में नकली नोट मिल जाए तो उसकी पहचान कैसे करें, हम आपको बताते हैं।

    चेक करें वॉटरमार्क

    भारतीय करेंसी (Indian Currency) के सभी नोटों पर वॉटरमार्क (Watermark) होता है जो नोट को रोशनी के सामने रखने पर आसानी से दिख जाता है। ये वॉटरमार्क महात्मा गांधी का चित्र है, जो नोट के बाईं ओर दिया होता है।

    सुरक्षा धागे की जांच करें

    भारतीय करेंसी के नोटों में एक सुरक्षा धागा दिया होता है, जो लंबवत रूप से नोट के बीच चलता है। इस धागे को कागज में एम्बेड किया गया है और इस पर आरबीआई और नोट के मूल्यवर्ग मुद्रित होता है। रोशनी के सामने रखने पर इस धागे को देखा जा सकता है।

     

    छपाई की गुणवत्ता की जांच करें

    भारतीय करेंसी के असली नोटों की छपाई की गुणवत्ता (Printing Quality) तेज और स्पष्ट रेखाओं के साथ बेहतर होती है। वहीं, नकली नोटों में ये रेखाएं धुंधली और इनकी स्याही भी धब्बेदार होती है।

    सी-थ्रू रजिस्टर की जांच करें

    भारतीय करेंसी के नोट में एक व्यू-थ्रू रजिस्टर (View Through Ragister) होता है, जिसमें किसी भी नोट के मूल्यवर्ग की एक छोटी छवि नोट के आगे और पीछे छपी होती है। इस छवि को रोशनी के द्वारा देखा जा सकता है।

     

    माइक्रो-लेटरिंग की तलाश करें

    भारतीय करेंसी नोट में एक माइक्रो-लेटरिंग (Micro Lettring) दी होती है, जो एक छोटे से अक्षर की तरह होता है और इसे मैग्नीफाइंग ग्लास के नीचे से आसानी से देखा जा सकता है। असली नोटों पर माइक्रो-अक्षर स्पष्ट होते हैं लेकिन नकली नोटों पर ये धुंधले होते हैं।

     

    पेपर के फील की जांच करें

    भारतीय करेंसी के असली नोट उच्च क्वालिटी (High Quality) वाले पेपर पर प्रिंट होते हैं जो उन्हें एक अलग तरह का लुक देता है। यह बहुत कागज कुरकुरा होता है और इसकी एक बनावट भी बहुत ही अनूठी होती है। पानी में गिरने के बाद यह जल्दी से खराब नहीं होता है। वहीं, नकली नोट का कागज छूने में चिकना और फिसलन वाला होता है।

     

    सीरियल नंबर की पुष्टि करें

    भारतीय करेंसी के प्रत्येक नोट पर एक अद्वितीय सीरियल नंबर (Serial Number) छपा होता है। इसलिए नोट के दोनों ओर दिए सीरियल नंबर से यह सुनिश्चित करें कि नोट के दोनों ओर एक समान सीरियल नंबर हो।

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