MP High Court on NHM : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत नियुक्त संविदा कर्मचारियों को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने बड़ी राहत पहुंचाई है। हाई कोर्ट ने कहा कि एनएचएम (National Health Mission) के तहत नियुक्त कर्मचारियों का ट्रांसफर करने पर उनके वेतन को कम नहीं किया जा सकता। उन्हें एनएचएम के तहत वेतन और भत्ते मिलते रहेंगे।
जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि एनएचएम की योजनाओं का संचालन रोगी कल्याण समिति को सौंप दिया गया है, परंतु निर्धारित मापदंड के अनुरूप संविदा नियुक्ति प्रदान की गई है। यदि उनकी सेवाएं आरकेएस में स्थानांतरित की जाती हैं तो उनका वेतन कम नहीं किया जा सकता है।
30 कर्मचारियों ने दायर की थी याचिका
बता दें कि सिवनी और दमोह में एनएचएम योजना के तहत संविदा में नियुक्ति किए गए 30 कर्मचारियों ने चार याचिकाएं दायर की थी। जिस पर फैसला देते हुए जज अग्रवाल ने एनएचएम के संविदा कर्मचारियों के वेतन में कटौती नहीं करने के आदेश दिए हैं।
याचिकाकर्ताओं ने की थी ये मांग
याचिका में कहा गया था कि नेशनल हेल्थ मिशन के तहत उन्हें संविदा नियुक्ति प्रदान की गई थी। नेशनल हेल्थ मिशन (National Health Mission) ने अपनी योजनाएं का संचालन रोगी कल्याण समिति को स्थानांतरित कर दिया था। रोगी कल्याण समिति द्वारा ठेके पर आउटसोर्स कर्मचारियों से सेवाएं ले रहा है।
कर्मचारियों के वेतन में कटौती न करने का आदेश
सुनवाई के दौरान एकलपीठ ने पाया कि याचिकाकर्ता नियमितीकरण की मांग नहीं करते हुए सिर्फ एनएचएम के तहत मिलने वाले वेतन की मांग कर रहे हैं। एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को पूर्व अनुमान वेतन प्रदान करने के आदेश जारी किए हैं।