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Thursday, August 28, 2025
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Railway Fact: बिना टीटीई और बिना किराये के चलने वाली दुनिया की एकलौती ट्रेन, लोग वर्षों से फ्री में कर रहे सफर

Indian Railways: भारतीय रेलवे विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क (Rail Network) है, जहां हर दिन लाखों लोग अपनी मंजिल तय करने के लिए सफर करते हैं। ज्यादातर लोग लंबी दूरी का सफर तय करने के लिए रेल से ही सफर करना पसंद करते हैं और रेल से यात्रा करना आरामदायक भी होता है। इसके अलावा रेल में सफर करने के लिए जनरल, स्‍लीपर, एसी (थर्ड, सेकंड और फर्स्ट) तमाम क्‍लास के ऑप्‍शन भी मिलते हैं और  यात्री अपनी सुविधा और बजट के अनुसार इसमें से कोई भी ऑप्शन सेलेक्ट कर सकते हैं। 

एक ऐसे ट्रेन जिसमें लोग फ्री में करते है सफर 

अक्सर आप भी रेल में सफर करते होंगे, लेकिन क्या अपने कभी ऐसी ट्रेन के बारे में सुना है, जिसमें लोग बिलकुल फ्री में सफर करते हैं। अगर नहीं, तो ये बिलकुल सच है, क्योंकि भारत में एक ट्रेन ऐसी भी है, जिसमें लोग लगभग 75 साल से लोग फ्री में यात्रा कर रहे हैं और सबसे खास बात यह है कि इसमें किराया लिया भी नहीं जाता है। ये स्पेशल ट्रेन एक खास रुट पर चलती है। 

कहां से कहां चलती है ये ट्रेन

आज हम जिस ट्रेन की बात कर रहे हैं वह भाखड़ा-नंगल ट्रेन है, जो भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (Bhakra Byas Management Board) द्वारा मैनेज की जाती है। ये ट्रेन इसे पंजाब और हिमाचल प्रदेश की सीमा पर भाखड़ा और नंगल (Bhakhra and Nangal) के बीच चलती है। आपको बता दें, भाखड़ा- नंगल बांध दुनियाभर में काफी चर्चित है और यह बांध सबसे ऊंचे स्ट्रेट ग्रैविटी डैम के तौर पर प्रसिद्ध है। ये ट्रेन सतलज नदी से होकर गुजरती है और शिवालिक पहाड़‍ियों से होते हुए 13 किलोमीटर की दूरी तय करती है। जो भी सैलानी दूर-दूर से भाखड़ा-नंगल बांध देखने आते है, वे इस ट्रेन में बिलकुल फ्री में सफर करते हैं। 

इस ट्रेन में नहीं है कोई टीटीई

भाखड़ा-नंगल ट्रेन (Bhakhra-Nangal Train) को 1948 में शुरू किया गया था और इसकी खास बात यह है कि इसके कोच लकड़ी के बने हुए हैं। इस ट्रेन की एक खास बात यह भी है कि इसमें कोई टीटीई (TTE) नहीं रहता है। शुरुआत में ये ट्रेन ट्रेन स्टीम इंजन से चलती थी और बाद में इसे डीजल इंजन से चलाया जाने लगा। पहले इस ट्रेन में मात्र 10 कोच होते थे, लेकिन मौजूदा समय में इसमें केवल 3 बोगियां हैं। i

विरासत के तौर पर देखी जाती है ये ट्रेन

ये ट्रेन जिस ट्रेक से होकर गुजरती है उस पर तीन टनल और कई स्टेशन है। प्रतिदिन इस ट्रेन से लगभग 800 लोग सफर करते हैं। इस ट्रेन के सफर का आनंद सबसे ज्यादा स्‍टूडेंट्स (Students) लेते हैं। BBMB ने वित्तीय घाटे को देखते हुए इस ट्रेन को 2011 में बंद करने का फैसला किया था, लेकिन बाद में इस ट्रेन को इनकम का सोर्स ना मानते हुए विरासत (Heritage) और परंपरा (Traditional) के रूप में देखा जाता है। 

 

 

 

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