Ration Card Latest Update: केंद्र सरकार की ओर से राशनकार्ड धारकों को फ्री और कम कीमत पर राशन मिलता है। राशन कार्ड धारको के लिए अब बड़ी खुशखबरी सामने आयी है। केंद्र सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना वन नेशन वन राशन कार्ड योजना पूरे देश में लागू हो गयी है। सभी दुकानों पर अब ऑनलाइन इलेक्ट्रानिक प्वाइंट आफ सेल यानी पीओएस डिवाइस को अनिवार्य कर दिया गया है। अब सरकार के फैसले का भी इस पर असर देखन को मिल रहा है।
अब नहीं होगी राशन तौल में गड़बड़ी
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (National Food Security Law) के अंतर्गत लाभार्थियों को खाद्यान्न की पूरी मात्रा मिल सके, इसके लिए केंद्र सरकार ने राशन की दुकानों पर इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ सेल (EPOS) डिवाइस को इलेक्ट्रॉनिक तराजू के साथ जोड़ने के लिए खाद्य सुरक्षा कानून नियमों में संशोधन कर दिया है।
देश भर में लागू हुआ नया नियम
देश में सभी दुकानों को आनलाइन इलेक्ट्रानिक प्वाइंट आफ सेल यानी पीओएस डिवाइस से लिंक कर दिया गया है। इसके बाद अब राशन तौल में गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं है। पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (PDS) के लाभार्थी को किसी भी हाल में कम राशन न मिले, इसके लिए ही सरकार ने राशन डीलरों को हाइब्रिड माडल की प्वाइंट आफ सेल मशीनें उपब्ध कराई है। आपको बता दें, ये मशीनें आनलाइन मोड के साथ ही नेटवर्क न रहने पर ऑफलाइन भी काम करती है। डिजिटल राशन कार्ड के द्वारा नागरिक देश में किसी भी उचित दर की दुकान से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत राशन ले सकता है।
क्या है नया नियम?
सरकार ने कहा कि, यह संशोधन एनएफएसए के तहत टारगेट पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (TPDS) के संचालन की पारदर्शिता में सुधार के द्वारा अधिनियम की धारा 12 के तहत खाद्यान्न तौल में सुधार प्रक्रिया को और आगे बढ़ाने का एक प्रयास है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत सरकार देश के लगभग 80 करोड़ लोगों को प्रति व्यक्ति, प्रति माह पांच किलो गेहूं 2 रुपये प्रति किलो और चावल 3 रुपये प्रति किलो के हिसाब से देती है।
क्या हुआ बदलाव
ईपीओएस (EPOS) डिवाइस को सही तरीकें से चलाने वाले राज्य को प्रोत्साहित करने और 17.00 रुपये प्रति क्विंटल के अतिरिक्त लाभ से बचत को बढ़ाने के लिए खाद्य सुरक्षा (राज्य सरकार की सहायता नियमावली) 2015 के उप-नियम (2) के नियम 7 में सरकार ने संशोधन किया है। इस नियम के तहत पॉइंट ऑफ सेल डिवाइस की खरीद, संचालन और रखरखाव की लागत के लिए दिए गए अतिरिक्त मार्जिन से अगर किसी राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश को अगर बचत होती है तो इलेक्ट्रॉनिक तौल तराजू की खरीद, संचालन एवं रखरखाव के साथ दोनों के एकीकरण के लिए उपयोग में लाया गया है।