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Thursday, October 16, 2025
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    ब्रेन मैपिंग डिवाइस की मदद से दिमाग के आपरेशन होंगे ज्यादा सटीक

    नई दिल्ली: दशकों की रिसर्च और बेहतरीन टेक्नोलॉजी के तालमेल के साथ दिल्ली के लाजपत नगर स्थित आईबीएस अस्पताल ने एक बड़ा कारनामा अपने नाम किया है। अस्पताल ने देश में पहली ब्रेन मैपिंग डिवाइस कनेक्टोमिक्स/क्विकटोम को लॉन्च किया है। ये अपने तरह की पहली ऐसी डिवाइस है जो न्यूरोसर्जरी में काफी मददगार साबित होगी। इस डिवाइस के जरिए ब्रेन मैपिंग की जाएगी जिससे ब्रेन ट्यूमर और दूसरे अन्य दिमाग के ऑपरेशन बहुत ही सुरक्षित तरीके से किए जा सकेंगे। इस डिवाइस के इस्तेमाल से सर्जरी के सफल होने के चांस बहुत ज्यादा रहेंगे और दिमाग के महत्वपूर्ण फंक्शन करने वाले हिस्सों को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचेगा।

     

    मेडिकल साइंस के क्षेत्र में ऑपरेशन से पहले की प्रक्रिया में ये एक बड़ी उपलब्धि है। इस नई टेक्नोलॉजी के माध्यम से न्यूरोसर्जरी को बहुत ही सटीकता से साथ अंजाम दिया जा सकता है। हास्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर और न्यूरोसर्जन डॉक्टर सचिन कंधारी ने बताया कि दिमाग के कुछ नेटवर्क (ब्रेन नेटवर्क) अकेले ही अपना काम कर लेते हैं जबकि इसमें कुछ इंटर-नेटवर्क इंटरेक्शंस होते हैं जिनकी फंक्शनिंग बहुत पेचीदा होती है। बहुत ही गहन विश्लेषण से ये पता चल पाता है कि दिमाग के अंदर कौन-सा नेटवर्क किस स्पेसिफिक काम को कर रहा है। ब्रेन नेटवर्क ही भाषा से लेकर बॉडी के मूवमेंट तक का हर काम तय करता है। ऐसे में ब्रेन से जुड़ी बीमारियों के इलाज में मैपिंग बहुत ही जरूरी बन जाती है। जो ब्रेन मैपिंग होती है उससे सर्जरी करने में बहुत मदद मिलती है। ऐसे में ये नई ब्रेन मैपिंग डिवाइस न सिर्फ दिमाग के ऑपरेशन से पहले या बाद में कारगर साबित होगी, बल्कि ब्रेन की नॉर्मल फंक्शनिंग में भी ये मददगार साबित होगी।

    क्विकटोम डिवाइस एल्गोरिदम का इस्तेमाल करते हुए लाखों डेटा प्वाइंट्स का मूल्यांकन करती है और फिर ब्रेन मैप तैयार करती है. ये मैपिंग अलग-अलग मरीज के हिसाब से अलग होती है। इस मैपिंग के जरिए डॉक्टर्स को अपने कंप्यूटर पर दिमाग के अंदर की पूरी संरचना की तस्वीर मिलती है, इससे फायदा ये होता है कि सर्जरी करने वाले डॉक्टर्स इस मैपिंग के जरिए पूरे ब्रेन नेटवर्क को समझ पाते हैं और उन्हें ऑपरेशन की सटीक प्लानिंग करने में इससे मदद मिलती है।
     

    डॉक्टर सचिन कंधारी ने बताया कि मॉडर्न टेक्नोलॉजी की मदद से मरीज के ब्रेन नेटवर्क के इस तरह के जो डेटा प्राप्त हो रहे हैं उससे न्यूरोसर्जरी की प्रक्रिया में काफी मदद मिल रही है। इसके अतिरिक्त, ब्रेन नेटवर्क मैपिंग से न्यूरोसर्जरी के क्षेत्र में एडवांस मेथड्स को बढ़ावा मिल रहा है। अब न्यूरोसर्जन किसी भी मरीज के दिमाग के अहम हिस्सों का ऑपरेशन भी बहुत ही सटीकता के साथ सुनिश्चित होकर कर सकते हैं और दिमाग को सुचारू रूप से काम करने लायक बना सकते हैं।

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