Antibiotics In Common Cold: सर्दी के इस मौसम में कई लोगों को सर्दी खांसी और फ्लू की समस्या हो रही है. अस्पतालों की ओपीडी के ज्यादातर मरीज बुखार और सर्दी-खांसी के आ रहे हैं। कई बार यह भी देखा जाता है कि लोग इन समस्याओं में खुद ही घर पर ही दवाइयां लेने लगते हैं। एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल तो बहुत बढ़ जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन सामान्य समस्याओं के लिए ली जाने वाली दवाएं आपकी सेहत को कितना नुकसान पहुंचा रही हैं।
एंटीबायोटिक दवाओं के अधिक सेवन से शरीर में प्रतिरोधक क्षमता पैदा हो जाती है, जिससे दवाओं का असर भी बंद हो जाता है। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. कवलजीत सिंह कहते हैं कि 60 से 70 प्रतिशत वायरल फ्लू के मरीज बिना डॉक्टरों की सलाह के खुद ही दवा लेने लगते हैं। दवाओं के अधिक सेवन से शरीर उनके अंदर बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता विकसित कर लेता है। इस कारण अन्य किसी रोग का समुचित इलाज संभव नहीं हो पाता है। एंटीबायोटिक दवाओं के अधिक प्रयोग से एंटीबायोटिक प्रतिरोध की समस्या तेजी से बढ़ रही है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में यह समस्या देखने को मिल रही है। सर्दी-जुकाम की समस्या में लोगों को एंटीबायोटिक्स न लेने की सलाह दी जाती है।
लीवर को नुकसान पहुंचाने वाली दवाएं
डॉ. सिंह कहते हैं कि एंटीबायोटिक्स लेने से शरीर पर कई दुष्प्रभाव भी पड़ते हैं। इनके ज्यादा इस्तेमाल से लीवर और किडनी की बीमारी हो जाती है। लेकिन इनके साइड इफेक्ट का पता बहुत देर से चलता है। दवाइयों का भी बच्चों पर गंभीर असर होता है और उन्हें एलर्जी की समस्या हो जाती है।
डॉ. सिंह का कहना है कि इन दवाओं का इस्तेमाल वायरस से बचाव के लिए भी किया जाता रहा है, जबकि ये सिर्फ बैक्टीरिया से बचाव के लिए हैं. डॉक्टर की सलाह के बिना कभी भी एंटीबायोटिक नहीं लेनी चाहिए। हो सकता है कि इनके नुकसान का तुरंत पता न चले, लेकिन यह शरीर के लिए ठीक नहीं है।
खांसी-जुकाम, गले में खराश की दवाएं न लें
डॉ. सिंह का कहना है कि खांसी-जुकाम, गले में खराश जैसी सामान्य समस्याओं में भी लोग एंटीबायोटिक्स लेने लगते हैं। जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए। ये समस्याएं कुछ ही दिनों में अपने आप ठीक हो जाती हैं। दवा लेने से उन पर कोई खास असर नहीं होता, लेकिन शरीर को नुकसान जरूर होता है। एंटीबायोटिक्स के ज्यादा इस्तेमाल से इम्यून सिस्टम भी कमजोर होने लगता है।