spot_img
Thursday, October 16, 2025
More
    -विज्ञापन-

    More From Author

    Health ki Baat: हींग के बारे में जानकर हैरान रह जाएंगे आप, सेहत के लिए भी हैं जबरदस्त फायदे

    Health ki Baat: आइए आज बात करते हैं सभी के घरों में मिलने वाले प्रातःकाल के डिब्बे के बारे में। जी हां हम हींग की ही बात कर रहे हैं। हींग की महक किसी भी खाने को और भी स्वादिष्ट बना देती है। हींग जिस भी खाने में जाती है वह स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहतमंद भी बनती है। चाहे वो गोलगप्पे का पानी ही क्यों न हो। हिंग हमारी कई स्वास्थ्य समस्याओं के लिए रामबाण औषधि है। जितनी हींग का इस्तेमाल करते हैं उतनी हींग के बारे में भी जानते हैं आप? अगर आप नहीं जानते हैं तो कोई बात नहीं, आज हम यहां आपके लिए हींग से जुड़े सभी सवालों का जवाब लेकर आए हैं.

    हींग का इतिहास
    हींग भारत में कब और कैसे आई इस बारे में कई मत हैं। कुछ लोगों का कहना है कि मध्य युग में जब मुगल भारत आए तो उनके साथ हींग भी यहां आई थी। लेकिन कई दस्तावेजों के अनुसार मुगलों के भारत आने से पहले भी भारत में हींग के इस्तेमाल के प्रमाण मिलते हैं। हींग को संस्कृत में हिंगु के नाम से जाना जाता है। भारत में जलवायु का प्रकार और यहाँ पाई जाने वाली मिट्टी का प्रकार,उनके अनुसार भारत में इसकी खेती दुर्लभ है। भारत में जलवायु और मिट्टी भले ही हींग के उत्पादन के लिए उपयुक्त नहीं है, लेकिन दुनिया के किसी भी देश की तुलना में भारत में हींग का अधिक उपयोग किया जाता है।

    हींग कहाँ उगाई जाती है
    हींग ईरानी मूल की सौंफ प्रजाति का पौधा है, जिसकी ऊंचाई 1 से 1.5 मीटर तक होती है। तक होती है। आमतौर पर ये पौधे भूमध्यसागरीय क्षेत्र से लेकर मध्य एशिया तक पाए जाते हैं। भारत में, इसकी खेती कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल, उत्तराखंड और पंजाब के कुछ हिस्सों में की जा रही है। हींग का उपयोग भारत के लगभग हर घर में किया जाता है और भारत को ज्यादातर ईरान, अफगानिस्तान और उज्बेकिस्तान जैसे देशों से हींग लेनी पड़ती है।

    हींग कैसे बनती है?
    हींग के पौधे में पीले फूल होते हैं। हींग का पौधा दूर से देखने पर सरसों के पौधे जैसा दिखता है। हालांकि इसकी ऊंचाई सरसों जितनी नहीं है। हम अपने खाने में जिस हींग का इस्तेमाल करते हैं वह असल में पौधे की जड़ से बनता है। हींग को इसकी जड़ से एक प्रक्रिया द्वारा तैयार किया जाता है। हींग की लगभग 130 किस्में पौधे की जड़ के रस से तैयार की जाती हैं। एक पौधे से हींग की उपज प्राप्त करने के लिए चार साल तक इंतजार करना पड़ता है और एक पौधे से केवल आधा किलो हींग प्राप्त होती है।

    हींग कितने प्रकार की होती है
    हींग मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है, काबुली सफेद हींग और लाल या काली हींग। सफेद हींग पानी में आसानी से घुल जाती है, जबकि लाल या काली हींग तेल में ही घुल जाती है।

    Latest Posts

    -विज्ञापन-

    Latest Posts