Sunscreen Myths: गर्मी हो या सर्दी हर मौसम में सनस्क्रीन रूटीन जरूर फॉलो करना चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार सर्दियों में दिन में दो बार और गर्मियों में हर तीन घंटे में सनस्क्रीन लगाना चाहिए। इससे जुड़े इन मिथकों पर लोग आसानी से विश्वास कर लेते हैं।
सनस्क्रीन न सिर्फ हमारी त्वचा को यूवी किरणों और धूप से बचाता है, बल्कि यह चेहरे पर ग्लो लाने का भी काम करता है। लेकिन इससे जुड़ी कुछ धारणाओं पर लोग आसानी से भरोसा कर लेते हैं। जानें उनके बारे में…
चेहरे पर सनस्क्रीन लगाना लोगों की आदत बन गई है, लेकिन उनमें से कई ऐसे भी हैं जो मानते हैं कि इसे सिर्फ गर्मियों में ही लगाना चाहिए। हर मौसम में त्वचा पर सनस्क्रीन लगाना जरूरी होता है।
यह मिथ भी फैलाया जाता है कि जिनकी त्वचा का रंग सांवला होता है उन्हें सनस्क्रीन लगाने की जरूरत नहीं होती है। शरीर में मेलेनिन की अधिकता से त्वचा का रंग सांवला हो सकता है, लेकिन यूवी लाइट से होने वाले नुकसान हर त्वचा को झेलने पड़ते हैं।
यह मिथ भी फैलाया जाता है कि जिनकी त्वचा का रंग सांवला होता है उन्हें सनस्क्रीन लगाने की जरूरत नहीं होती है। शरीर में मेलेनिन की अधिकता से त्वचा का रंग सांवला हो सकता है, लेकिन यूवी लाइट से होने वाले नुकसान हर त्वचा को झेलने पड़ते हैं।
यह मिथ भी फैलाया जाता है कि जिनकी त्वचा का रंग सांवला होता है उन्हें सनस्क्रीन लगाने की जरूरत नहीं होती है। शरीर में मेलेनिन की अधिकता से त्वचा का रंग सांवला हो सकता है, लेकिन यूवी लाइट से होने वाले नुकसान हर त्वचा को झेलने पड़ते हैं।