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Sunday, October 19, 2025
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    Virus eating organism: पानी में रहने वाला ये जीव खाता है वायरस, 1 दिन की खुराक है 10 ट्रिलियन वायरस

    Virus eating organism: संसार भर में अनेक प्रकार के जीव (organism) विद्यमान हैं। अब वैज्ञानिकों ने एक ऐसे जीव की खोज की है जो वायरस खाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, दुनिया भर में पाए जाने वाले जीव कार्बनिक पदार्थ खाते हैं। जिंदा रहने के लिए ये कुछ न कुछ खा लेते हैं। इसी कड़ी की रिसर्च में पता चला है कि ये जीव वायरस के कीड़ों को खाता है जो इसकी फूड चेन का हिस्सा हैं।

    अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ नेब्रास्का-लिंकन के माइक्रोबायोलॉजिस्ट जॉन डेलॉन्ग और उनकी टीम ने यह शोध किया है। इसे साइंस जर्नल न्यूएटलस में प्रकाशित किया गया है। वैज्ञानिक यह पता लगाना चाहते थे कि क्या कोई जीव इस वायरस को खाता है। इसको लेकर कई जीवों पर अध्ययन किया गया, जिसमें पाया गया कि पानी में मौजूद हैल्टेरिया जीव बड़ी संख्या में संक्रामक क्लोरोवायरस खा सकता है। हेलटेरिया पानी में मौजूद कई तरह के क्लोरोवायरस को खत्म कर देता है। हैलटेरिया क्लोरोवायरस को भोजन के रूप में उपयोग करता है और इसके सेवन से ही अपने विकास परिवार को बढ़ा सकता है।

    एक दिन में खा सकते हैं 10 ट्रिलियन वायरस

    वैज्ञानिक डेलॉन्ग ने कहा कि अगर अनुमान लगाया जाए तो ये जीव एक छोटे से तालाब में एक दिन में 10 ट्रिलियन वायरस खा सकते हैं. यदि यह उस पैमाने पर हो रहा है जिस पैमाने पर हम सोचते हैं कि यह हो सकता है, तो इसे वैश्विक कार्बन साइकिलिंग पर हमारे दृष्टिकोण को पूरी तरह से बदल देना चाहिए। ये जीव अपने आसपास मौजूद सभी क्लोरोवायरस को नष्ट कर देते हैं।

    वैज्ञानिकों के अनुसार क्लोरोवायरस को क्लोरेला वायरस के नाम से भी जाना जाता है। यह Phycodnaviridae परिवार के दोहरे फंसे डीएनए वायरस का एक जीनस है, जो पानी में मौजूद है। क्लोरेला वायरस की लगभग 19 प्रजातियां हैं। इनमें से ज्यादातर पानी में ही मौजूद होते हैं। इसकी खोज वैज्ञानिक रसेल ने 1981 में की थी। यह वायरस लगातार खुद को बदलता रहता है, हालांकि पानी के अलावा अन्य जगहों पर इसकी मौजूदगी के बारे में कोई पुख्ता सबूत नहीं है।

    हालटेरिया क्या है

    हालटेरिया को ओलिगोट्रिच के रूप में जाना जाता है। हेल्टेरिया ताजे पानी में मौजूद एक बहुत ही छोटा जीव है जिसे केवल माइक्रोस्कोप की मदद से देखा जा सकता है। यह आमतौर पर तालाबों और छोटी नहरों में पाया जाता है। जीवित रहने के लिए यह जीव पानी में मौजूद क्लोरोवायरस को खाता रहता है जिससे संक्रमण फैलता है। वायरस इसकी प्रमुख खुराक है।

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