World Cancer Day: दुनिया भर में आज विश्व कैंसर दिवस मनाया जा रहा है. इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को कैंसर की बीमारी के प्रति जागरुक करना है. पिछले कई दशकों से इस दिन को मनाया जा रहा है, लेकिन सिर्फ एक दिन इस बीमारी का जिक्र आता है और फिर लोग सब कुछ भूल जाते हैं। यही वजह है कि पूरी दुनिया में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। भारत में भी स्थिति विकराल रूप लेती जा रही है। गैर संचारी रोगों में कैंसर मृत्यु का प्रमुख कारण है।
भारत में हर 10 में से एक व्यक्ति को कैंसर का खतरा है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर देश में कैंसर की रोकथाम के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए तो साल 2025 तक यह बीमारी देश में महामारी का रूप ले सकती है.
अब इसके पीछे के कारणों को जानना भी जरूरी है। देश में क्यों बढ़ रही है कैंसर की बीमारी? इसे कैसे नियंत्रित किया जा सकता है> ऐसे ही कई सवालों के जवाब जानने के लिए हमने देश के नामी कैंसर सर्जन से सलाह ली है। डॉ. अंशुमान कुमार से बातचीत की।
क्यों बढ़ रहे हैं कैंसर के मामले?
इस सवाल का जवाब देते हुए डॉ. अंशुमान कहते हैं कि कैंसर के बढ़ने का सबसे बड़ा कारण लोगों की गलत खान-पान और खराब जीवनशैली है। पिछले कुछ सालों में फास्ट फूड का चलन बढ़ा है। सोशल मीडिया और फोन की लत के चलते लोगों का लाइफस्टाइल भी बिगड़ गया है. सोने-जागने का पैटर्न बिगड़ जाता है। फिजिकल एक्टिविटी कम हो गई है। इन सब कारणों से कैंसर बढ़ता जा रहा है। चिंता की बात यह है कि लोग समय रहते कैंसर के लक्षणों की पहचान नहीं कर पाते हैं। जिससे यह रोग अंतिम अवस्था में पहुंच जाता है। ऐसे में मरीजों का इलाज करना काफी मुश्किल हो जाता है।
डॉ. कुमार कहते हैं कि कैंसर के शुरूआती लक्षण किसी सामान्य बीमारी की तरह ही होते हैं। जैसे पेट खराब होना, दांतों और मसूढ़ों से खून बहना, आवाज में बदलाव और कुछ हफ्तों तक खांसी आना आदि। ऐसी समस्याओं में लोग डॉक्टर से दवा लेते हैं और कुछ दिनों तक आराम पाते हैं, लेकिन अगर ये लक्षण तीन हफ्ते बाद भी बने रहें, तो आपको कैंसर स्क्रीनिंग के लिए जाना चाहिए। लेकिन ज्यादातर लोग ऐसा नहीं करते और अलग-अलग डॉक्टर से एंटीबायोटिक्स या अन्य दवाएं लेकर बीमारी के लिए काम करते रहते हैं, जिससे शरीर में कैंसर बढ़ता ही जाता है और एक दिन जानलेवा बन जाता है।
2025 तक महामारी बनने का खतरा
डॉ. अंशुमन का कहना है कि अगर अभी से कैंसर की रोकथाम नहीं की गई और लोगों ने इस बीमारी को गंभीरता से नहीं लिया तो आने वाले सालों में यह बीमारी बहुत बढ़ सकती है। कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि 2025 तक भारत ग्लोबल कैंसर कैपिटल बन सकता है और यहां कैंसर की बीमारी महामारी का रूप ले सकती है. इसलिए अगर अभी इसे नहीं संभाला गया तो आने वाले कुछ सालों में बहुत देर हो जाएगी।
कैंसर को कैसे रोका जाए
लोगों में यह भ्रम है कि कैंसर का कोई इलाज नहीं है। इसलिए जब किसी व्यक्ति में कैंसर का पता चलता है तो उसे लगता है कि अब जीवन समाप्त हो जाएगा। ऐसे में लोग स्थानीय उपचार या बाबाओं के चक्कर लगाने लगते हैं। लेकिन इससे कोई फायदा नहीं होता, बल्कि स्थिति और खतरनाक होने लगती है।
लोगों को सलाह दी जाती है कि कैंसर को लेकर किसी भी गलत जानकारी पर ध्यान न दें। अगर आपको इस बीमारी के लक्षण नजर आ रहे हैं तो तुरंत जांच कराएं। अगर कैंसर की पुष्टि हो जाती है तो डॉक्टर्स से संपर्क करें। इस मामले में लापरवाही न करें। इसके साथ ही अपनी डाइट को ठीक करना भी जरूरी है। डाइट में प्रोटीन विटामिन शामिल करें। जंक फूड से परहेज करें और अच्छी जीवनशैली अपनाएं।
कैंसर की जांच और इलाज के संसाधन बढ़ाने होंगे
बातचीत के अंत में डॉ. अंशुमन कहते हैं कि कैंसर की पहचान, इलाज और रोकथाम के लिए संसाधन बढ़ाने होंगे. देश में कैंसर के इलाज के लिए गिने-चुने बड़े सरकारी अस्पताल ही हैं, ज्यादातर मरीजों के लिए निजी अस्पतालों में इलाज की सुविधा उपलब्ध है। से बाहर है। कैंसर स्क्रीनिंग भी हर जगह उपलब्ध नहीं है। ऐसे में जरूरी है कि कैंसर की रोकथाम के लिए नए अस्पताल बनाए जाएं। इससे बड़े सरकारी अस्पतालों में मरीजों का बोझ कम होगा और कैंसर का इलाज समय पर हो सकेगा। लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक भी करना चाहिए। इसके लिए साल में एक बार नहीं बल्कि युद्ध स्तर पर अभियान चलाने की जरूरत है।