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Monday, June 16, 2025
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Chhath Puja 2022: पहली बार छठ करने वाली महिलाएं इन बातों का रखें विशेष ध्यान, ऐसे करें सूर्य देव की उपासना

Chhath Puja 2022: त्योहारों का सीजन शुरू हो चुका है दीपावली भैया दूज गोवर्धन पूजा के बाद छठ पर्व शुरू हो जाएगा हमारे भारतवर्ष में छठ का पर्व Chhath Puja धार्मिक भावनाओं के साथ मनाया जाता है महिलाएं व्रत के दौरान बहुत सी चीजों का ध्यान रखते हैं लेकिन जो महिला इस व्रत को पहली बार कर रही हैं उनके लिए जानने योग्य बातें इस प्रकार है छठ का पर्व 4 दिन का होता है जिसे भारत का सबसे कठिन और पावन पर्व माना जाता है इस पर में 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा जाता है सूर्य देव और छठी मैया Chhath Puja 2022 को प्रसन्न कर उनकी पूजा की जाती है और अर्घ दिया जाता है। यह व्रत महिलाएं परिवार की खुशहाली पति और पुत्र की लंबी आयु के लिए रखते हैं छठ पर्व की धूम बेहद होती है लेकिन सबसे ज्यादा उत्तर भारत बिहार में इसका उत्साह देखने को मिलता है ऐसे में अगर आप पहली बार छठ की पूजा करने जा रही हैं तो कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें।

पहला दिन नहाय खाई

छठ पूजा 28 अक्टूबर से शुरू हो रही है। पहला दिन नहाय खाई के रूप में मनाया जाता है। छठ पूजा के पहले दिन पूरे घर की सफाई की जाती है। नहाने के बाद साफ खाना बनाया जाता है। भोजन ग्रहण करने के बाद व्रत की शुरुआत की जाती है। मान्यता के अनुसार छठ के व्रत में खाने में कद्दू की सब्जी, चने की दाल और चावल का सेवन करना चाहिए. इस बात का ध्यान रखें कि व्रत रखने वाले व्यक्ति के भोजन करने के बाद ही परिवार के अन्य सदस्यों को भोजन करना चाहिए।

दूसरे दिन

कार्तिक शुक्ल की दूसरे दिन यानी पंचमी तिथि को खरना मनाया जाता है। इस दिन व्रत रखने वाले लोग पूरे दिन उपवास रखते हैं और शाम को भोजन करते हैं। खरना के अवसर पर गन्ने के रस से बनी चावल की खीर, चावल का पिट्ठा और घी-चुपड़ी की रोटी प्रसाद के रूप में बनाई जाती है. इसे प्रसाद के रूप में सभी के बीच बांटा जाता है। प्रसाद में नमक और चीनी दोनों का प्रयोग वर्जित है।

छठी मैया की पूजा

छठ पूजा के तीसरे दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है। शाम के समय डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन प्रसाद में ठेकुआ बनाया जाता है. शाम के समय अर्घ्य सूप को बांस की टोकरियों में सजाया जाता है। वहीं सूर्यास्त के समय व्रत रखने वाले किसी नदी, तालाब या तालाब के किनारे एकत्रित होकर समूह में सूर्य को अर्घ्य देते हैं। सूर्य देव को दूध और जल चढ़ाने के साथ ही प्रसाद से भरे सूप से छठी मैया की पूजा की जाती है.

उपवास का अंतिम दिन

इस साल छठ पूजा 31 अक्टूबर को समाप्त हो रही है। यह उपवास का अंतिम दिन है, जिसमें उषा अर्घ्य दिया जाता है। सुबह उगते सूरज को अर्घ्य दें। पूरी प्रक्रिया संध्या अर्घ्य की तरह दोहराई जाती है। यह अर्घ्य भी सामूहिक रूप से दिया जाता है। इसके बाद कच्चे दूध से बना शर्बत पीकर व्रत खोला जाता है।

Disclaimer: खबर में दी गई जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है। हालांकि इसकी नैतिक जिम्मेदारी द Midpost की  नहीं है। आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से जरूर संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।

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