spot_img
Friday, October 17, 2025
More
    -विज्ञापन-

    More From Author

    इसरो करेगा GSLV-F14 लॉच, मौसम से जुड़ी मिलेगी ठोस जानकारी

    यह मिशन जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (GSLV) की 16वीं उड़ान है और इसका लक्ष्य इन्सैट-3डीएस मौसम उपग्रह को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (जीटीओ) में ले जाकर छोड़ेगा। इसरो भारतीय समयानुसार शाम 5:30 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC-SHAR) से लॉच करेगा।

    लॉच के बाद,सेटेलाइट श्रृंखला उपग्रह को भू-स्थिर कक्षा में स्थापित करेगी। INSAT-3D और INSAT-3DR उपग्रहों के बाद INSAT-3DS उपग्रह ऑर्बिट में जाने के बाद मौसम से संबंधित जानकारी को समेटेगा और इसरों तक पहुचाएगा। इससे वैज्ञानिकों को पुख्ता जानकारी मिलेगी।

    https://twitter.com/isro/status/1755565356276756895

    पूरी तरह से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) द्वारा वित्त पोषित, उपग्रह को उन्नत मौसम संबंधी जानकारी और महासागर में उठने वाली तुफानों पर निगारानी करेगा। ये क्षमताएं सटीक मौसम पूर्वानुमान और समय पर आपदा चेतावनी जारी करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

    हाई टेक्नोलॉजी से बनी है GSLV-F14

    सेटेलाइट को हाई टेक्नोलॉजी के साथ बनाया गया है। जिसमें छह-चैनल इमेजर और एक इन्फ्रारेड साउंडर शामिल है, जो मौसम के पैटर्न की निगरानी, ​​चक्रवात का पता लगाने और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान संचार में सहायता के लिए आवश्यक हैं।

    INSAT-3DS द्वारा एकत्र किए गए डेटा का उपयोग MoES के भीतर विभिन्न विभागों द्वारा किया जाएगा, जैसे कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD), राष्ट्रीय मध्यम-सीमा मौसम पूर्वानुमान केंद्र (NCMRWF), भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM), राष्ट्रीय संस्थान महासागर प्रौद्योगिकी (NIOT), और भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (INCOIS)। ये एजेंसियां और संस्थान देश को बेहतर मौसम पूर्वानुमान और मौसम संबंधी सेवाएं प्रदान करने के लिए उपग्रह के डेटा का लाभ उठाएंगे।

    इसके अतिरिक्त, उपग्रह इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में वैश्विक प्रयासों में योगदान करते हुए सैटेलाइट सहायता प्राप्त खोज और बचाव सेवाओं में भी अपना योगदान देगा।

    Latest Posts

    -विज्ञापन-

    Latest Posts