spot_img
Tuesday, November 4, 2025
More
    -विज्ञापन-

    More From Author

    Breakfast In India:भारतीय थाली में नाश्ता कैसे आया? जानिए इसकी रोमांचक कहानी

    Breakfast In India: भारत के ज्यादातर घरों में सुबह उठते ही लोगों की एक ही चिंता रहती है कि आज नाश्ते में क्या बनाएं। वैसे भी नाश्ते को दिन भर में खाए जाने वाले खाने का ‘बॉस’ कहा जाता है। यहां तक कि नाश्ते ने भी हमारे स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बार-बार ब्रेकफास्ट मिस करने से हमारी सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है। इसलिए अब हेल्थ एक्सपर्ट भी स्वस्थ रहने के लिए हेल्दी नाश्ता करने की सलाह देते हैं।

    लेकिन भारत के लोग, जो हर रोज अपना मनपसंद नाश्ता बड़े चाव से खाते हैं, भारतीय थाली में कैसे आ गए? इसका इतिहास बहुत ही रोचक और रोमांचक है। आखिर भारत की रसोई में नाश्ता कैसे आया। आइए आज हम आपको इसके बारे में बताते हैं।

    भारत में ब्रेकफास्ट कल्चर की शुरुआत कैसे हुई?

    प्राचीन काल में भारत में सुबह का नाश्ता करने की कोई संस्कृति नहीं थी। ब्रेकफास्ट यूरोप आ गया है भारत – ये भी कहा जाए तो गलत नहीं होगा। कॉफी, चाय और चॉकलेट की खोज 17वीं शताब्दी में यूरोपीय लोगों द्वारा की गई थी और 19वीं शताब्दी में जब ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में अपना परिचालन शुरू किया, तब तक वे इस नाश्ते को अपने साथ भारत ले आए। अंग्रेजों के भारत आने के बाद बरात की रसोई में न सिर्फ नाश्ता बनाया जाने लगा, बल्कि और भी कई बदलाव हुए। इसके साथ ही रेडी-टू-ईट नाश्ते की चीजों के व्यावसायीकरण का दौर शुरू हो गया।

    खाद्य इतिहासकार क्या है?

    भारत में नाश्ते की शुरुआत पर खाद्य समीक्षक और इतिहासकार पुष्पेश कुमार पंत कहते हैं कि हमारे देश में नाश्ते की कभी कोई परंपरा नहीं रही। एक कहावत भी है, – दो जून का खान यानी भारत में सिर्फ दो वक्त का खाना खाया जाता है। पुष्पेश पंत, जिन्होंने इंडिया: द कुकबुक, क्लासिक कुकिंग ऑफ पंजाब और द इंडियन वेजिटेरियन कुकबुक जैसी कई किताबें लिखी हैं, बताते हैं कि देश में रात भर के उपवास को तोड़ने वाले मुख्य भोजन में से एक चावल या रोटी थी।

    आजकल होटलों में बुफे नाश्ता एक फूड बिजनेस की तरह चलने लगा है। अनाज, कटे हुए फल अंडे, ब्रेड और मक्खन के साथ-साथ ठंडे मीट मीट कट्स, पनीर, सॉसेज के साथ-साथ भरवां पराठे, पूरी भाजी, छोले भटूरे के साथ न जाने क्या-क्या खाया जाता है। ब्रेकफास्ट यानी चबा-चबाकर स्नैक्स के तौर पर ही खाया जा सकता है, लेकिन इन्हें ब्रेकफास्ट कहना गलत होगा।

    Latest Posts

    -विज्ञापन-

    Latest Posts