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Wednesday, August 20, 2025
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भाद्रपद शुक्ल सप्तमी पर किया जाने वाला यह व्रत क्यों है खास, क्या है पौराणिक कथा

Lalita Saptami 2025: हिंदू धर्म में हर त्यौहार का एक अलग और विशेष महत्व होता है। राधा अष्टमी से एक दिन पहले ही ललिता सप्तमी व्रत मनाया जाता है। ललिता सप्तमी व्रत हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। वर्ष 2025 में ललिता सप्तमी व्रत 30 अगस्त 2025, शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन देवी ललिता की पूजा की जाती है। देवी ललिता राधा रानी की सबसे प्रिय सखी थीं, जिनका जन्मदिन हर साल इसी तिथि को मनाया जाता है। ललिता सप्तमी के एक दिन बाद, राधा अष्टमी को उनकी प्रिय सखी राधा रानी का जन्मदिन मनाया जाता है।

राधा रानी की सखी देवी ललिता का राधा-कृष्ण के प्रेम में महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी के भक्त भगवान कृष्ण के साथ-साथ ललिता देवी की भी पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

ललिता सप्तमी व्रत की पूजन विधि

  • इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें, इसके बाद चौकी पर गणेश जी, राधा रानी और कृष्ण जी की मूर्ति स्थापित करें।
  • भगवान के सामने घी का दीपक जलाएँ।
  • भगवान को फल, फूल, नारियल, हल्दी, चंदन, दूध और मिठाई अर्पित करें।
  • इस दिन मालपुए का भोग लगाएँ, इसका भोग शुभ माना जाता है।
  • ललिता सप्तमी का व्रत सूर्योदय से अगले दिन सूर्योदय तक रहेगा।
  • इस दिन व्रत में एक बार भोजन किया जाता है।

ललिता सप्तमी व्रत का महत्व

  • यह व्रत संतान की सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है।
  • नवविवाहित जोड़े जीवन में खुशियाँ लाने के लिए यह व्रत रखते हैं।
  • इस व्रत को करने से सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।

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