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Tuesday, August 26, 2025
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Viral News: फिस न भर पाने के कारण स्कूल प्रशासन का छात्रा की तरफ सख्त रवैया, बच्ची ने फूट-फूट कर सुनाई दास्तान

Shocking News: सरकारी अधिकारियों (Government Official) और निर्वाचित प्रतिनिधियों (Elected Representative) को नैतिक रूप से जिम्मेदार (Resposibilties) ठहराते हुए, भाजपा सांसद वरुण गांधी (BJP Leader Varun Gandhi) ने आज यूपी के उन्नाव (Unnau, Uttar Pradesh) जिले के एक निजी स्कूल में फीस (Private School Fees) का भुगतान न करने पर परीक्षा देने की अनुमति नहीं देने के बाद रोती हुई एक लड़की का वायरल वीडियो (Girl Viral Video)साझा किया।
उन्होंने हिंदी में ट्वीट (Tweet IN Hindi) किया, “इस बेटी के आंसू लाखों बच्चों के दर्द को दिखाते हैं, जिन्हें फीस न देने पर अपमान सहना पड़ता है।” उन्होंने आगे कहा, “यह सुनिश्चित करना हर जिले के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की नैतिक जिम्मेदारी है कि आर्थिक तंगी बच्चों की शिक्षा में बाधा न बने,” उन्होंने आगे कहा, इस प्रकार अपनी पार्टी की सरकार से भी जवाब मांगा।

निजी संस्थानों से उन्होंने कहा, “मानवता को मत भूलना। शिक्षा कोई व्यवसाय नहीं है।”
वीडियो (Video) उन्नाव के बांगरमऊ के पास टोला नामक एक ग्रामीण शहर का है, जहां छात्रों को स्कूल (School Students) के गेट के बाहर रखे जाने के बाद फूट-फूट कर रोते(Crying Video) हुए देखा गया था और सोमवार (Monday) को मध्य वर्ष की परीक्षा छूट गई थी। छहवीं कक्षा (Class 6th Students) में पढ़ने वाले एक छात्र अपूर्व सिंह (Apurva Singh) ने कहा, “मैंने (स्कूल प्रबंधन से) कहा था कि पापा आज फीस (School Fees) लेकर आएंगे, लेकिन उन्होंने हमें बाहर कर दिया।”एक स्थानीय भाजपा नेता कार्यकर्ता (Bjp Leader) ने बाद में बाल विद्या मंदिर स्कूल में अक्टूबर से मार्च (3,000 रुपये) का बकाया चुकाया।

इस बेटी के आंसू उन लाखों बच्चों की संयुक्त पीड़ा बता रहे हैं जिन्हें फीस न जमा होने के कारण उपहास झेलना पड़ता है।

आर्थिक तंगी बच्चों की शिक्षा में रोड़ा ना बने यह हर जिले के अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की नैतिक जिम्मेदारी है।

निजी संस्थान मानवता न भूलें, शिक्षा व्यापार नहीं है। pic.twitter.com/GZL9RwSICB

— Varun Gandhi (@varungandhi80) October 18, 2022

जनता के दबाव के बाद, स्कूल प्रबंधन (School Adminstrative) ने भी कहा कि फीस भुगतान (Fees Submission) की स्थिति के बावजूद, इन छात्रों को मंगलवार (Tuesday) को छूटी हुई परीक्षा देने का मौका मिलेगा। यह तुरंत पता नहीं चल पाया कि बाकी छात्र किस कक्षा में थे और उनका कितना बकाया था। सितंबर के बाद से कम से कम 10 छात्रों ने ट्यूशन फीस (Tuition Fees) नहीं भरी थी। वे खड़े थे और फाटकों पर रोए, स्थानीय लोगों का ध्यान आकर्षित किया जिन्होंने उनकी दुर्दशा दर्ज की। हिंदी समाचार पोर्टल एक रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थानीय प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। इसने स्कूल प्रबंधक के हवाले से कहा कि इन छात्रों के लिए छूटी हुई परीक्षा फिर से आयोजित की जाएगी।

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