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Monday, October 13, 2025
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    Kanpur में भी है Taj Mahal जैसी प्यार की निशानी, 26 फरवरी 1937 में रखी गई इस अटूट प्रेम की नींव!

    Ursala Horseman Memorial Hospital : 14 फरवरी यानि वैलेंटाइंस डे प्यार का दिन माना जाता है। वैलेंटाइंस ज्यादातर देशों में मनाया जाता है। इस दिन कपल एक-दूसरे से अपने प्यार का इजहार करते हैं। वैलेंटाइंस को लेकर प्यार की कई कहानियां हैं, ऐसी ही एक कहानी कानपुर की है, जिसे आज हम आपको बताएंगे।

    आगरा के ताजमहल से जुड़ी प्रेम कहानी तो बच्चे बच्चे को पता है। अपनी बेगम मुमताज की याद में शाहजहां ने पूरी दुनिया में मोहब्बत की सबसे बड़ी निशानी यानि ताजमहल बनवा दिया था।

    कानपुर में भी मोहब्बत की एक ऐसी ही निशानी है जो अपने प्यार को अमर बनाने के लिए बनाई गई। मोहब्बत की नींव पर खड़ी इस इमारत को पूरा शहर जानता है, लेकिन इसके बनने की कहानी को शायद ही कोई जानता हो।

    26 फरवरी 1937 में रखी अटूट प्रेम की नींव (Ursala Horseman Memorial Hospital)

    उर्सला हार्समैन मेमोरियल हॉस्पिटल (Ursala Horseman Memorial Hospital) को पूरा षहर जानता है। यह इमारत अटूट प्रेम की नींच पर खड़ी है और इसकी नींव 26 फरवरी 1937 को रखी गई थी। जिसको आज लोग उर्सला सिटी हॉस्पिटल या डिस्टिक हॉस्पिटल के नाम से भी जानते हैं।

    हॉस्पिटल अपने आप में एक बेपनाह प्रेम का किस्सा बयां करता है। बड़ा चैराहा स्थित उर्सला हॉर्समैन मेमोरियल हॉस्पिटल को ब्रिटिश ऑफिसर अल्बर्ट हॉर्समैन ने अपनी पत्नी उर्सला की याद में बनवाया था। जिसमें अभी तक हेल्थ फैसिलिटीज दी जा रही हैं।

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    हॉस्पिटल के लॉन में लगी मूर्ति आज भी बहुत कुछ बयां करती

    बता दें कि अस्पताल के लॉन में अल्बर्ट हॉर्समैन (Albert Horseman) ने अपनी पत्नी उर्सला की मूर्ति भी लगवाई थी। जोकि आज भी वहां स्थापित है। उर्सला के सीएमएस ने बताया कि अल्बर्ट के फैमिली मेंबर्स आज भी हॉस्पिटल के विस्तार के लिए मदद करते रहते हैं। दो-चार सालों में उनकी फैमिली के मेंबर्स हॉस्पिटल का जायजा लेने विदेश से कानपुर जरूर आते हैं।

    उर्सला को मिला हुस्न-ए-मल्लिका का उपनाम

    अल्बर्ट हॉर्समैन की शादी उर्सला से 1921 में हुई थी। वह अपनी पत्नी से बहुत प्यार करते थे। उर्सला बेहद खूबसूरत थी। इस लिए उनको हुस्न-ए-मल्लिका के उपनाम से संबोधित किया जाता था। मगर एक प्लेन एक्सीडेंट में अल्बर्ट ने पत्नी उर्सला को जिंदगी भर के लिए खो दिया। एक्सीडेंट 1935 में हुआ था। जिसके बाद अल्बर्ट ने अपनी प्रेम कहानी को अमर बनाने के लिए पत्नी की याद में उर्सला हॉस्पिटल का निर्माण कराया।

    उर्सला में दी जानें वाली वर्तमान में सुविधाएं

    अल्बर्ट ने उर्सला हॉस्पिटल की शुरुआत 50 बेड से की थी। जो वर्तमान में 550 बेड का हो चुका है। इसके साथ ही आज हॉस्पिटल में बर्न यूनिट, कार्डियक यूनिट, डायलिसिस यूनिट, फिजियोथेरेपी, आईसीयू, एमआरआई, सीटी स्कैन, वेंटीलेंटर, डिजिटल एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजी, ब्लड बैंक जैसी विभिन्न सुविधाएं कानपुराइट् को उपलब्ध हो रही हैं।

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