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Sunday, September 7, 2025
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Kanpur के ग्रामीण इलाकों में जमीन और फ्लैट की कीमतों में अचानक वृद्धि

Kanpur circle rates: कानपुर में कम दामों में घर बनाने का सपना देखने वाले लोगों के लिए बड़ी चुनौती सामने आ गई है। नए सर्किल रेट लागू होने के बाद शहर से सटे ग्रामीण इलाकों में जमीन और फ्लैट दोनों की कीमतों में अचानक भारी बढ़ोतरी हुई है। बिठूर, चकेरी और नौबस्ता के आसपास के गांवों में जहां पहले सस्ते दामों में प्लॉटिंग और फ्लैट उपलब्ध थे, अब कीमतें तीन गुना तक बढ़ गई हैं। शहर में जमीन खत्म होने के बाद बिल्डरों ने ग्रामीण इलाकों की ओर रुख किया, लेकिन नए सर्किल रेट ने यहां भी घर बनाने के खर्च को बढ़ा दिया है।

Kanpur शहर के बाहर प्लॉटिंग और फ्लैट निर्माण पर पहले जहां कम दामों में काम चल जाता था, अब नए रेट ने लोगों की योजना पर असर डाला है। शहर से जुड़े ग्रामीण इलाकों में भूमि की मांग बढ़ने के कारण रेट में अचानक वृद्धि हुई है। नए रेट लागू होने से शहरवासियों के लिए शहर के बाहर घर बनाना महंगा हो गया है।

कई गांवों में सालों बाद सर्किल रेट बढ़ाया गया है। खासतौर पर एयरपोर्ट, बिठूर और नौबस्ता के आसपास के इलाकों में रेट में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की गई। कई जगह ₹5000 प्रति वर्ग मीटर से भी कम रेट थे, जिन्हें अब बढ़ाकर 88.67% तक किया गया है। वहीं, व्यावसायिक भूमि के रेट में 184% तक की वृद्धि हुई है। यह बदलाव उन लोगों के लिए झटका साबित हो रहा है, जो सस्ते प्लॉट या फ्लैट की तलाश में थे।

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नए Kanpur सर्किल रेट का असर केवल आवासीय भूमि तक सीमित नहीं है, बल्कि फ्लैट और कृषि भूमि पर भी पड़ा है। अधिवक्ता विवेक गुप्ता के अनुसार, हाईटेंशन लाइन के नीचे भूमि पर मिलने वाली 10% छूट को बढ़ाया नहीं गया। आवासीय क्षेत्रों के पास व्यावसायिक गतिविधि होने पर अतिरिक्त शुल्क 40% से बढ़ाकर 50% कर दिया गया है। चार फ्लोर से ऊपर पुराने फ्लैटों पर कोई छूट नहीं दी गई। कृषि भूमि के 200 मीटर के परिधि में अकृषक गतिविधि पर अतिरिक्त वसूली को 40% से बढ़ाकर 60% कर दिया गया है। पुराने औद्योगिक निर्माण पर छूट की व्यवस्था खत्म कर दी गई है और बिल्हौर से अलग किए गए औद्योगिक गांव को भी औद्योगिक क्षेत्र से अलग रखा गया है।

नए सर्किल रेट के लागू होने से Kanpur शहर से सटे ग्रामीण इलाकों में घर बनाना अब महंगा हो गया है। इससे आम लोगों के सपनों पर असर पड़ा है और शहर के बाहर सस्ते आवास की उम्मीद रखने वालों के लिए यह बड़ा झटका साबित हो रहा है।

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