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Saturday, July 19, 2025
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Jalaun Jhansi Connectivity Link Expressway: बुंदेलखंड में औद्योगिक विकास की नई कड़ी

Jalaun Jhansi Connectivity Link Expressway: उत्तर प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड क्षेत्र को औद्योगिक रूप से मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। झांसी और जालौन के बीच 115 किलोमीटर लंबे लिंक एक्सप्रेसवे की योजना पर काम शुरू हो गया है। यह नया एक्सप्रेसवे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को झांसी के बीड़ा क्षेत्र में विकसित हो रहे औद्योगिक शहर से जोड़ेगा। यूपीडा (उत्तर प्रदेश औद्योगिक एक्सप्रेसवे प्राधिकरण) इस परियोजना को आगे बढ़ा रहा है, जिसके पूरा होने से झांसी को औद्योगिक नेटवर्क में बेहतर रूप से जोड़ा जा सकेगा।

यह Jalaun Jhansi एक्सप्रेसवे जालौन से एरच होते हुए झांसी तक पहुंचेगा और लगभग 1300 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जाएगा। इसकी प्रारंभिक चौड़ाई चार लेन होगी, जिसे भविष्य में छह लेन तक बढ़ाने की योजना है। इसके लिए जमीन अधिग्रहण भी उसी के अनुसार किया जा रहा है। जमीन अधिग्रहण पर लगभग 228 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है, जिसके लिए सरकार द्वारा कुछ राशि स्वीकृत भी की जा चुकी है।

Jalaun Jhansi एक्सप्रेसवे से बुंदेलखंड के डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, फार्मा पार्क और अन्य औद्योगिक गतिविधियों को मजबूती मिलेगी। इसके माध्यम से झांसी और चित्रकूट में विकसित हो रहे रक्षा उद्योगों को तेज़ कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे आपूर्ति श्रृंखला को भी गति मिलेगी। दिल्ली, लखनऊ और आगरा जैसे बड़े शहरों से पूर्वांचल की ओर सड़क यात्रा सुगम होगी।

इस Jalaun Jhansi परियोजना का सबसे अहम हिस्सा झांसी के वे 63 गांव हैं, जिनसे होकर यह एक्सप्रेसवे गुजरेगा। इनमें गरौठा-गोगल, कुडरी, डुंडी, मलहेटा, अहरौरा, भदरवारा बुजुर्ग, स्किल बुजुर्ग, नया केरा, लभेरा, बिलाटी खेर, रौतनपुरा, टहरौली शमशेरपुरा, मवई गिर्द, रक्सा, डगरवाहा, कोटरा, हिलगना आदि प्रमुख हैं। हालांकि रूट का अंतिम निर्धारण अभी बाकी है और इसके लिए ड्रोन सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे की प्रक्रिया लगभग एक महीने में पूरी हो जाएगी।

इस Jalaun Jhansi परियोजना से सरकार को भारी निवेश की उम्मीद है और साथ ही क्षेत्रीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। यह लिंक एक्सप्रेसवे बुंदेलखंड में आर्थिक गतिविधियों को नई दिशा देगा और झांसी-जालौन क्षेत्र को उत्तर भारत के प्रमुख औद्योगिक केंद्रों से बेहतर तरीके से जोड़ देगा। सरकार इसे एक महत्वाकांक्षी परियोजना के रूप में देख रही है, जो पूरे बुंदेलखंड की तस्वीर बदलने में सक्षम होगी।

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