Nepal coup: नेपाल में हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं। सोशल मीडिया की 26 साइट्स पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भड़की हिंसा ने तख्तापलट का रूप ले लिया है। राजधानी काठमांडू से लेकर यूपी बॉर्डर तक तनाव फैल गया है। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया है, जिसके बाद मंगलवार देर रात 10 बजे नेपाल आर्मी ने सत्ता अपने हाथों में ले ली। सेना ने कर्फ्यू लगाकर नेपाली इलाकों में गश्त शुरू कर दी है और लोगों को घरों से बाहर न निकलने की चेतावनी दी गई है।
Nepal में प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, मंत्रियों के आवास और सरकारी कार्यालयों में आगजनी की। पूर्व प्रधानमंत्री झालनाथ खनाल की पत्नी राज्यलक्ष्मी चित्रकार को जिंदा जलाने की घटना ने माहौल और भयावह बना दिया। पूर्व पीएम शेर बहादुर देउबा के घर में भी तोड़फोड़ और आगजनी की गई। प्रदर्शनकारियों ने एयरपोर्ट पर हमला किया और कई जगह सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया।
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हालात की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी के 7 सीमावर्ती जिलों — पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर और महराजगंज — को हाई अलर्ट पर रखा है। रुपईडीहा, सोनौली और गौरीफंटा बॉर्डर पूरी तरह सील कर दिए गए हैं। अतिरिक्त पुलिस बल, एसएसबी और प्रशासनिक अधिकारी लगातार निगरानी कर रहे हैं। महराजगंज में डीएम और एसपी ने सुरक्षा इंतजामों का जायजा लिया और चौबीसों घंटे सतर्क रहने के निर्देश दिए।
Nepal में फंसे भारतीयों की सुरक्षा के लिए लखनऊ में विशेष कंट्रोल रूम बनाया गया है। मदद के लिए तीन हेल्पलाइन नंबर और एक व्हाट्सएप नंबर 24×7 सक्रिय हैं — 0522-2390257, 0522-2724010, 9454401674।
भारत सरकार ने भी एडवाइजरी जारी करते हुए नागरिकों से फिलहाल नेपाल की यात्रा न करने की अपील की है। जो भारतीय नेपाल में मौजूद हैं, उन्हें सलाह दी गई है कि वे अपने निवास स्थान पर सुरक्षित रहें और बाहर निकलने से बचें।