UP में 22 साल बाद शुरू हुआ SIR अभियान: मतदाता सूची में बड़ा सुधार, हर वोटर का होगा घर-घर सत्यापन

UP SIR campaign: उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची को शुद्ध और पारदर्शी बनाने के लिए चुनाव आयोग ने 22 साल बाद ‘स्पेशल इंटेंसिव रिविजन’ (SIR) यानी विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान की शुरुआत की है। इस प्रक्रिया के तहत राज्य की करीब 15 करोड़ मतदाता सूची का दोबारा मिलान किया जाएगा। इसका उद्देश्य मृतकों, स्थानांतरित या डुप्लिकेट नामों को हटाना और नए पात्र मतदाताओं—खासकर 18 साल के युवाओं—को जोड़ना है।

अक्टूबर 2025 से शुरू होने वाले इस अभियान में बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) घर-घर जाकर सत्यापन करेंगे। जिनका नाम 2003 की मतदाता सूची में पहले से मौजूद है, उन्हें किसी अतिरिक्त दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी। BLO उनके लिए पहले से भरे फॉर्म लेकर आएंगे, जिसे जांचकर हस्ताक्षर करना होगा। वहीं जिन लोगों के नाम बाद में जोड़े गए हैं, उन्हें पहचान और पते के प्रमाण प्रस्तुत करने होंगे।

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चुनाव आयोग के अनुसार, करीब 70% वोटरों को दस्तावेज नहीं दिखाने होंगे, जबकि शेष 30% को आवश्यक कागजात जैसे—आधार कार्ड, वोटर आईडी, पैन कार्ड, राशन कार्ड, पासपोर्ट या जन्म प्रमाण पत्र दिखाने होंगे। खासकर 1 जुलाई 1987 के बाद जन्मे वोटरों को माता-पिता के दस्तावेज भी देने पड़ सकते हैं।  UPआयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि बिना पर्याप्त कारण बताए किसी का नाम सूची से नहीं हटाया जाएगा। हर संशोधन ‘स्पीकिंग ऑर्डर’ (कारण सहित आदेश) के साथ किया जाएगा।

यदि कोई वोटर BLO से संपर्क नहीं करता या सत्यापन नहीं कराता, तो उसका नाम ‘अक्रिय’ घोषित किया जा सकता है या हटा दिया जाएगा। बिहार में ऐसी प्रक्रिया के दौरान लाखों नाम हटे थे, इसलिए UP में पारदर्शिता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

UP मतदाता voters.eci.gov.in या nvsp.in वेबसाइट पर अपना नाम जांच सकते हैं और किसी भी त्रुटि या आपत्ति के लिए ऑनलाइन फॉर्म-6 या फॉर्म-7 भर सकते हैं। आयोग ने लोगों से अपील की है कि वे BLO से सहयोग करें और दस्तावेज तैयार रखें। यह अभियान केवल तकनीकी सुधार नहीं, बल्कि लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।