69 thousand teacher recruitment: 69 हजार शिक्षक भर्ती में शामिल आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने सोमवार को बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास का घेराव किया। बड़ी संख्या में पहुंचे अभ्यर्थियों ने जोरदार नारेबाजी की और सरकार की लापरवाही को लेकर अपनी नाराजगी जताई। उनका आरोप है कि इस भर्ती में व्यापक स्तर पर अनियमितताएं हुईं, जिससे आरक्षित वर्ग के हजारों अभ्यर्थियों को नौकरी मिलने से वंचित होना पड़ा।
69 thousand अभ्यर्थियों का कहना है कि इस मामले में हाई कोर्ट ने उनका पक्ष लेकर 13 अगस्त 2024 को फैसला सुनाया था। लखनऊ हाई कोर्ट की डबल बेंच ने नियमों के अनुसार तीन महीने के भीतर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का आदेश दिया था। इसके बावजूद सरकार ने आदेश का पालन नहीं किया और मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुँच गया।
सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई कई बार टली है। अभ्यर्थियों का आरोप है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में भी उनका पक्ष मजबूती से नहीं रख रही। अब तक 20 से अधिक तारीखों पर सुनवाई तय होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसी कारण अभ्यर्थियों ने सड़क पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया और शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव किया।
69 thousand धरना प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने बताया कि यह भर्ती प्रक्रिया वर्ष 2018 में शुरू हुई थी। परिणाम आने पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हुआ और उन्हें नियुक्ति नहीं दी गई। लंबे आंदोलन और न्यायिक प्रक्रिया के बाद ही हाई कोर्ट ने उनके पक्ष में निर्णय सुनाया, लेकिन सरकार की लापरवाही से मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा।
69 thousand अभ्यर्थियों की मुख्य मांग है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में उनकी मजबूत पैरवी करे और जल्द से जल्द इस मामले का निष्पादन कराए। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है, ताकि किसी अप्रिय घटना को रोका जा सके।