AK Sharma News: उत्तर प्रदेश के ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री ए.के. शर्मा ने बिजली विभाग की कार्यशैली पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए अधिकारियों की जमकर क्लास ली है। उन्होंने कहा कि राज्य में बिजली आपूर्ति की वास्तविक स्थिति और जनता की लगातार मिल रही शिकायतों ने विभाग की असली तस्वीर सामने ला दी है। मंत्री ने अफसरों पर तंज कसते हुए कहा कि वे “अंधे, बहरे और गूंगे” बनकर बैठे हैं, जिससे न तो व्यवस्था सुधर रही है और न ही जनता को राहत मिल रही है।
मंत्री AK Sharma हाल के दिनों में ग्रामीण इलाकों का दौरा कर वहां की बिजली व्यवस्था का जायज़ा ले रहे हैं। इस दौरान उन्हें स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों से बिजली से जुड़ी कई गंभीर शिकायतें प्राप्त हुईं। उन्होंने विभागीय रिपोर्टों को झूठा करार देते हुए कहा कि जो आंकड़े अफसर प्रस्तुत कर रहे हैं, वो ज़मीनी हकीकत से मेल नहीं खाते।
UP के बिजली मंत्री AK शर्मा को सुनिए –
"विधायक और जनप्रतिनिधि हमको–सरकार को गाली दे रहे हैं। आप लोग जनता से जुड़े हुए नहीं हैं। फील्ड में क्या हो रहा है, आपको जानकारी नहीं है। AC ऑफिस में बैठकर रिपोर्ट तैयार करना आसान है। ये रिपोर्ट सुनने का कोई मतलब नहीं है। मैं दुखी होकर यहां… pic.twitter.com/C7Onxppcgq
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) July 24, 2025
ऊर्जा मंत्री AK Sharma ने विजलेंस टीम की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने आरोप लगाया कि विजलेंस अधिकारी बड़ी बिजली चोरी पर कार्रवाई करने की बजाय छोटे उपभोक्ताओं पर फर्जी छापे डालते हैं और उनसे पैसे की वसूली करते हैं। एफआईआर की धमकी देकर डराया जाता है, जिससे जनता में विभाग को लेकर भारी रोष है। मंत्री ने कहा कि ये रवैया तत्काल बंद होना चाहिए।
गलत बिजली बिलों को लेकर भी मंत्री ने नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक के बावजूद बिलों में ग़लतियाँ हो रही हैं, जिससे उपभोक्ताओं का विभाग पर से भरोसा टूट रहा है। उनका कहना था कि विभाग सिर्फ वसूली केंद्र बनकर रह गया है और जनसेवा की भावना कहीं दिखाई नहीं देती।
मंत्री ने यह भी कहा कि जिन उपभोक्ताओं ने समय पर भुगतान किया है, उनके ट्रांसफार्मर जल जाने पर मरम्मत नहीं की जाती, जो पूरी तरह गलत है। सरकार उपभोक्ताओं की सेवा के लिए है, न कि उन्हें परेशान करने के लिए।
अंत में उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट चेतावनी दी कि मनमानी बंद करें और जनता की सेवा करें। उन्होंने यह भी कहा कि वे खुद जनता के बीच जाकर जवाबदेह हैं, और अब विभागीय लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अधिकारी अगर जिम्मेदारी से काम नहीं करेंगे तो कार्रवाई तय है।