AMU Aligarh students assault: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) परिसर में रविवार शाम एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक छात्र पर कलमा पढ़ने का दबाव बनाते हुए कुछ छात्रों ने बुरी तरह मारपीट की। घायल छात्र, प्रशांत राठी, को तत्काल उपचार के लिए जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। इस घटना ने कैंपस के माहौल पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं और छात्र संगठनों में रोष पैदा कर दिया है।
घटना का विवरण
पुरानी चुंगी निवासी प्रशांत राठी ने बताया कि वह सिटी स्कूल से हाईस्कूल की पढ़ाई कर रहे हैं। रविवार को वह एएमयू के अल्लामा इकबाल हॉल में रहने वाले अपने दोस्त सिकंदर से मिलने गए थे। वहीं पर तीन छात्रों ने उन्हें घेर लिया और उनसे कलमा पढ़ने को कहा। प्रशांत के इनकार करने पर, उन्होंने उसके साथ बर्बरतापूर्वक मारपीट शुरू कर दी।
प्रशांत राठी के अनुसार, हमलावरों ने उन्हें घसीटते हुए सड़क पर लिटाकर पीटा और यहां तक कि पिस्टल के बट से उनके सिर पर वार भी किया। मौके पर मौजूद अन्य साथियों ने बीच-बचाव किया, जिसके बाद हमलावर छात्र जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गए। प्रशांत ने बताया कि वह तीनों हमलावरों को पहचानता है, जिनमें से एक प्रतापगढ़, एक गाजीपुर और एक स्थानीय छात्र है।
घायल प्रशांत को तुरंत जेएन मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। सूचना मिलने पर उनके परिजन भी अस्पताल पहुंचे। प्रशांत ने बताया कि उन्होंने घटना की जानकारी एएमयू की प्रॉक्टर टीम को दे दी है।
प्रशासन और छात्र नेताओं की प्रतिक्रिया
इस गंभीर मामले पर AMU प्रशासन की ओर से प्रॉक्टर का बयान सामने आया है। प्रॉक्टर ने कहा कि यह मामला अभी तक उनके संज्ञान में नहीं आया है, लेकिन उन्होंने आश्वासन दिया है कि अगर इस तरह की घटना हुई है, तो एफआईआर दर्ज कराई जाएगी और दोषी छात्रों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, छात्र नेता अमित गोस्वामी ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने आरोप लगाया कि एएमयू में पहले भी हिन्दू छात्रों को होली और दीपावली जैसे त्योहार मनाने से रोका गया है, और अब उन पर कलमा पढ़ने का दबाव बनाया जा रहा है। गोस्वामी ने स्पष्ट किया कि हिन्दू छात्रों का किसी भी तरह का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने घोषणा की है कि दोषी छात्रों पर सख्त कार्यवाही सुनिश्चित कराने के लिए वह सोमवार को विश्वविद्यालय के उच्च अधिकारियों से मिलकर विस्तृत वार्ता करेंगे।
यह घटना AMU परिसर में छात्रों की सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता पर गंभीर चिंताएं पैदा करती है, और प्रशासन पर मामले की निष्पक्ष और त्वरित जांच करने तथा दोषियों पर कठोर कार्रवाई करने का दबाव बढ़ गया है।

