Aligarh firing: अलीगढ़ में गुरुवार सुबह उस समय सनसनी फैल गई, जब भारतीय जनता पार्टी के सांसद सतीश गौतम के करीबी माने जाने वाले ट्रांसपोर्टर सोनू चौधरी की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई। वह अपनी क्रेटा कार से कहीं जा रहे थे, तभी हरदुआगंज थाना क्षेत्र में कोंडरा गांव के पास बाइक पर आए दो बदमाशों ने उन्हें घेरकर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। कार के शीशे चीरते हुए गोलियां सीधे उनके सीने और सिर में जा लगीं। उन्हें कुल सात गोलियां मारी गईं, जिनमें चार गोलियां शरीर के अहम हिस्सों में लगीं, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
घटना के बाद इलाके में दहशत फैल गई। Aligarh लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। Aligarh पुलिस मौके पर पहुंची और घायल अवस्था में सोनू चौधरी को अस्पताल भिजवाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मौके पर पहुंची फॉरेंसिक टीम ने कार के भीतर से गोली के चार खोखे बरामद किए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, including एसपी देहात भी घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की गंभीरता को देखते हुए इलाके में नाकेबंदी कर दी गई। फिलहाल किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
सोनू चौधरी ट्रांसपोर्ट का काम करने के साथ-साथ प्रॉपर्टी डीलिंग से भी जुड़े हुए थे। Aligarh पुलिस को शक है कि हत्या के पीछे कारोबारी दुश्मनी या किसी पुरानी रंजिश का हाथ हो सकता है। फिलहाल जांच कई एंगल से की जा रही है। पुलिस ने दावा किया है कि जल्द ही हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
परिवार वालों का कहना है कि सोनू की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। उनके छोटे भाई रिंकू चौधरी ने बताया कि वह चार भाई हैं और इससे पहले उनके दूसरे नंबर के भाई राजेश चौधरी की भी दस साल पहले गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अब सोनू की हत्या ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया है।
इस घटना ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रतापगढ़ और चंदौली में हुई हालिया फायरिंग घटनाओं के बाद अलीगढ़ की यह वारदात यूपी पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवालिया निशान बनकर सामने आई है। भाजपा नेता की हत्या से राजनीतिक गलियारों में भी हलचल है। विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाना शुरू कर दिया है।