Yogi Adityanath In Bihar Election: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और बीजेपी के स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के मतदान से ठीक पहले, 3 नवंबर 2025 को राज्य में ताबड़तोड़ चार चुनावी सभाएं कर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के पक्ष में माहौल को निर्णायक मोड़ दिया। दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सारण और पटना में हुई इन रैलियों में, विशेषकर केवटी (मधेपुरा) और मुजफ्फरपुर की सभाओं में, योगी ने विपक्ष पर तीखे प्रहार करते हुए विकास, सुरक्षा और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के एजेंडे को मजबूती से स्थापित किया।
केवटी में ‘राम राज्य’ का आह्वान और सुरक्षा पर फोकस
मधेपुरा जिले के सीमावर्ती केवटी विधानसभा क्षेत्र में योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण की शुरुआत बिहार की गौरवशाली विरासत – चंद्रगुप्त मौर्य और चाणक्य की भूमि – के उल्लेख से की। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘विकास पुरुष’ बताते हुए एनडीए के ‘विकसित बिहार’ के संकल्प को दोहराया।
Yogi ने विपक्षी महागठबंधन को ‘पप्पू, टप्पू और अप्पू’ की तिकड़ी कहकर उन पर परिवारवाद और राम विरोधी होने का आरोप लगाया। उनका मुख्य फोकस सुरक्षा और कानून-व्यवस्था पर रहा। उन्होंने वादा किया कि एनडीए के शासन में उत्तर प्रदेश की तरह बिहार में भी दंगे और माफियाराज समाप्त होंगे। अनुच्छेद 370 हटाए जाने का उदाहरण देते हुए उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों से घुसपैठियों को खदेड़ने का दृढ़ संकल्प जताया। उन्होंने कहा, “बिहार जलता है जब आरजेडी और कांग्रेस सत्ता में आती है।” राम मंदिर निर्माण की सफलता का जिक्र करते हुए उन्होंने बिहार में ‘राम राज्य’ जैसी सुशासन व्यवस्था लाने का वादा किया, जिससे ग्रामीण और युवा मतदाताओं में जबरदस्त उत्साह देखा गया।
मुजफ्फरपुर में ‘बुलडोजर’ और विकास का संदेश
मुजफ्फरपुर में हुई विशाल जनसभा में योगी ने एनडीए की ‘डबल इंजन’ सरकार के कार्यों का विस्तृत ब्योरा दिया। उन्होंने उत्तर प्रदेश में माफियाराज के खात्मे का उदाहरण देते हुए कहा कि बिहार में भी अपराधियों पर ‘बुलडोजर’ की कार्रवाई होगी। उन्होंने महागठबंधन को अपराधियों का संरक्षक बताया और राहुल, तेजस्वी, अखिलेश पर उन्हें गले लगाने का आरोप लगाया।
विकास के मुद्दे पर योगी ने बिहार को ‘सोने की चिड़िया’ बनाने का सपना दिखाते हुए एनडीए की योजनाओं—जैसे पक्के मकान, किसानों के लिए सिंचाई और युवाओं के लिए स्टार्टअप—का उल्लेख किया। उन्होंने कांग्रेस-आरजेडी को ‘चारा घोटाले’ और गरीबों का राशन छीनने का दोषी ठहराया।
चुनावी परिदृश्य पर व्यापक प्रभाव
Yogi आदित्यनाथ के दोनों भाषणों—लगभग 90 मिनट की अवधि वाले—में विकास, सुरक्षा और सांस्कृतिक गौरव का मिश्रण था। केवटी में सीमावर्ती संवेदनशीलता पर जोर दिया गया, जबकि मुजफ्फरपुर में व्यापक विकास और अपराध नियंत्रण पर। विपक्ष ने इन भाषणों की आलोचना को ‘भड़काऊ’ बताकर की, लेकिन एनडीए ने इसे ‘जनता का मंत्र’ करार दिया। योगी की रैलियों ने युवा और हिंदू वोटरों को सफलतापूर्वक एकजुट किया है, जिससे बिहार चुनाव में एनडीए की रणनीति को नई धार मिली है। यह स्पष्ट संकेत है कि बिहार की जनता ‘सुरक्षित और उज्ज्वल’ भविष्य के लिए एनडीए पर भरोसा कर रही है।

