Bijapur operation: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों ने कर्रेगुट्टा पहाड़ी क्षेत्र में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 22 नक्सलियों को ढेर कर दिया। यह ऑपरेशन नक्सल विरोधी मुहिम का अहम हिस्सा था, जिसका नेतृत्व केंद्र सरकार कर रही है। गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य रखा है। ऑपरेशन में अत्याधुनिक तकनीक, ड्रोन और निगरानी उपकरणों का प्रयोग किया गया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर ऑपरेशन से जुड़ी तस्वीरें साझा की गईं, जिनमें क्षेत्र की निगरानी होती दिखाई गई।
कर्रेगुट्टा पहाड़ छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर स्थित है और इसे लंबे समय से नक्सलियों का गढ़ माना जाता है। इस इलाके में दंडकारण्य विशेष क्षेत्र समिति (DKSZC), तेलंगाना राज्य समिति (TSC) और पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) जैसे संगठन सक्रिय हैं। अप्रैल 2025 में शुरू हुए अभियान में 24,000 से अधिक जवानों ने इस पूरे क्षेत्र को घेर लिया था, जिससे नक्सलियों के लिए भागना लगभग नामुमकिन हो गया।
इस संयुक्त ऑपरेशन में जिला रिजर्व गार्ड (DRG) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की विशेष टीम शामिल थी। ड्रोन की मदद से नक्सलियों की गतिविधियों पर नजर रखी गई और सटीक स्थान पर कार्रवाई की गई। तस्वीरों में एक संदिग्ध नक्सली और ड्रोन नियंत्रण स्क्रीन भी दिख रही है, जिससे तकनीक के व्यापक उपयोग की पुष्टि होती है।
ऑपरेशन के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। कई लोगों ने इसे “देशद्रोहियों की सफाई” करार दिया तो कुछ ने आदिवासी मुद्दों की ओर ध्यान दिलाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री शाह की रणनीति की भी तारीफ की गई।
2025 में अब तक 150 से अधिक नक्सली मारे जा चुके हैं। सुकमा, बीजापुर और कांकेर जिलों में कई बड़ी मुठभेड़ें हो चुकी हैं, जिनमें भारी मात्रा में हथियार भी जब्त किए गए हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने के लिए सुरक्षा कार्रवाई के साथ-साथ स्थानीय लोगों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति सुधारना भी जरूरी है।