Dimple Yadav controversy: समाजवादी पार्टी की सांसद Dimple यादव पर मौलाना साजिद रशीदी की विवादित टिप्पणी के बाद अब यह मामला राजनीतिक रंग ले चुका है। इस पूरे प्रकरण में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की चुप्पी को लेकर बीजेपी ने आक्रामक रुख अपनाया है। भाजपा एमएलसी सुभाष यदुवंश ने लखनऊ के अटल चौक पर एक बड़ा होर्डिंग लगवाकर अखिलेश पर सवाल दागे हैं, जो सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बन गया है।
इस होर्डिंग में अखिलेश यादव का एक कैरिकेचर है, जिसमें उनके मुंह पर पट्टी बंधी हुई है। कैप्शन में लिखा है, “पत्नी के अपमान पर चुप रहने वाले प्रदेश की बहन-बेटियों की सुरक्षा क्या करेंगे? धिक्कार है अखिलेश जी।” इसके साथ ही मौलाना साजिद रशीदी की तस्वीर भी इस होर्डिंग में शामिल है, जिन्होंने डिंपल यादव के पहनावे और पहचान को लेकर अपमानजनक बयान दिया था।
बीजेपी ने इस मुद्दे को दिल्ली से लखनऊ तक जोर-शोर से उठाया है। संसद परिसर में एनडीए सांसदों ने विरोध प्रदर्शन कर समाजवादी पार्टी से जवाब मांगा, वहीं लखनऊ में भाजपा मुख्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर Dimple यादव के समर्थन में मोर्चा खोला गया।
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान महिला एवं बाल विकास मंत्री बेबी रानी मौर्य ने अखिलेश यादव पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सिर्फ वोटबैंक की राजनीति के कारण अखिलेश यादव ने इस गंभीर अपमान पर चुप्पी साध रखी है। उन्होंने इसे महिलाओं की गरिमा और अस्मिता के साथ समझौता बताते हुए शर्मनाक करार दिया।
बेबी रानी मौर्य ने कहा कि साजिद रशीदी ने Dimple यादव को “राजनीतिक हिंदू महिला” कहकर न केवल उनका अपमान किया, बल्कि भारतीय संस्कृति और महिला सम्मान पर भी आघात किया है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि राजनीतिक मतभेद के बावजूद किसी भी महिला का अपमान भाजपा को स्वीकार नहीं है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुद्दा समाजवादी पार्टी के लिए असहज स्थिति पैदा कर सकता है, खासकर तब, जब उत्तर प्रदेश में राजनीतिक माहौल लगातार गर्म होता जा रहा है और महिला मतदाता बड़ी संख्या में निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं।
अखिलेश यादव की चुप्पी न केवल विपक्ष के लिए एक हथियार बन रही है, बल्कि उनकी छवि और नेतृत्व क्षमता पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। अब देखना होगा कि सपा इस पर कोई प्रतिक्रिया देती है या इसी तरह मौन साधे रहती है।