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Monday, October 13, 2025
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    मायावती ने किया बड़ा ऐलान, अकेले लड़ेगी BSP; सपा पर साधा निशाना

    Kanshi Ram Jayanti Rally: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने गुरुवार, 9 अक्टूबर 2025 को लखनऊ में पार्टी संस्थापक Kanshi Ram की जयंती पर एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का बड़ा फैसला सुनाया। उन्होंने तर्क दिया कि गठबंधन में बसपा को कोई खास फायदा नहीं होता, क्योंकि पार्टी का वोट तो सहयोगी दलों को ट्रांसफर हो जाता है, लेकिन ‘अपर कास्ट’ का वोट बसपा उम्मीदवारों को नहीं मिलता, जिससे पार्टी का वोट प्रतिशत गिरता है और उम्मीदवार कम जीत पाते हैं।

    कांशीराम स्मारक स्थल पर हुई इस रैली में रिकॉर्ड तोड़ भीड़ जुटी, जिसके लिए मायावती ने समर्थकों की तारीफ़ करते हुए कहा कि वे अन्य दलों की तरह दिहाड़ी पर नहीं, बल्कि अपनी कमाई से उन्हें सुनने आए हैं।

    अपने संबोधन में, मायावती ने मुख्य रूप से समाजवादी पार्टी (सपा) और अखिलेश यादव को निशाने पर रखा। उन्होंने सपा पर जातिवादी होने, आरक्षण के साथ पक्षपात करने और सरकार में रहते हुए गुंडों, माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगाया। उन्होंने अखिलेश यादव की ‘PDA’ की बातों को “हवा हवाई” बताया। मायावती ने सपा पर कांशीराम के सम्मान में बने स्मारकों के रखरखाव के लिए जमा टिकटों का पैसा दबाकर रखने और उनके नाम पर रखे गए जिलों/योजनाओं का नाम बदलने का आरोप लगाकर उनके “दोहरे चरित्र” को उजागर किया।

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    सपा के साथ-साथ कांग्रेस भी उनके निशाने पर रही। उन्होंने कांग्रेस से सवाल किया कि उसने बाबा साहेब अंबेडकर को भारत रत्न क्यों नहीं दिया और उन पर संविधान के नाम पर “नाटकबाजी” करने का आरोप लगाया।

    हालांकि, मायावती ने उत्तर प्रदेश की मौजूदा बीजेपी सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की। उन्होंने बताया कि Kanshi Ram स्मारक की जर्जर हालत को लेकर उनकी लिखित अपील पर योगी सरकार ने टिकटों के पैसे को केवल स्मारकों के रखरखाव पर लगाने का वादा किया और मरम्मत कार्य पूरा कराया, जिसके लिए बसपा ने बीजेपी सरकार का आभार व्यक्त किया।

    मायावती ने समर्थकों से पांचवीं बार उन्हें यूपी का मुख्यमंत्री बनाने का आह्वान किया और वादा किया कि बसपा सरकार दलितों-पिछड़ों के खिलाफ बने सभी कानूनों को बदल देगी। उन्होंने ईवीएम का विरोध होने और भविष्य में बैलट पेपर से चुनाव होने की संभावना भी जताई। इस रैली को बसपा के लिए एक बड़ा शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है।

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