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Thursday, June 26, 2025
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सरकारी इमारतों में अब गोबर से बना पेंट होगा अनिवार्य, सीएम योगी ने दिए निर्देश

CM Yogi News: उत्तर प्रदेश सरकार ने पर्यावरण के अनुकूल और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाले प्राकृतिक पेंट को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पशुपालन एवं दुग्ध विकास विभाग की समीक्षा बैठक में निर्देश दिए हैं कि अब राज्य के सरकारी भवनों में गाय के गोबर से बने पेंट का इस्तेमाल अनिवार्य किया जाए। साथ ही ऐसे पेंट बनाने वाले प्लांट्स की संख्या बढ़ाने और गो आश्रय स्थलों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी कार्य तेज किया जाए।

प्राकृतिक पेंट से आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम

CM Yogi ने कहा कि गोबर से निर्मित पेंट न केवल पर्यावरण को नुकसान से बचाता है बल्कि इससे गो आश्रय स्थलों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने आदेश दिया कि इस पेंट का उपयोग सभी सरकारी भवनों में किया जाए और इसके लिए उत्पादन प्लांट्स की संख्या में वृद्धि की जाए।

गोवंश संरक्षण की व्यापक योजना

बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य के 7693 गो आश्रय स्थलों में 11.49 लाख गोवंश सुरक्षित हैं। इन पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इन स्थलों पर केयर टेकर की समय पर तैनाती, वेतन भुगतान, चारे और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। साथ ही पशु चिकित्सकों की नियमित विजिट भी कराई जाए।

गरीब परिवारों को मिलेगी गाय, पोषण और आजीविका में सुधार

CM Yogi ने कहा कि जिन गरीब परिवारों के पास कोई पशुधन नहीं है, उन्हें ‘मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना’ के तहत गाय दी जाए। इससे उन्हें दूध मिलेगा और गोसेवा का पुण्य भी प्राप्त होगा।

गोचर भूमि का पुनः उपयोग और रोजगार सृजन

अब तक प्रदेश में 40968 हेक्टेयर गोचर भूमि को कब्जे से मुक्त कराया जा चुका है, जिसमें से 12168 हेक्टेयर भूमि पर हरा चारा उगाया जा रहा है। बरेली में जैविक खाद और गोमूत्र प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना की जा रही है। महिला स्वयं सहायता समूहों की मदद से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं।

दुग्ध उत्पादन में बढ़ोत्तरी, नए लक्ष्य निर्धारित

वर्ष 2024-25 में दुग्ध उत्पादन 3.97 लाख लीटर प्रतिदिन रहा, जो 10% अधिक है। टर्नओवर ₹1120.44 करोड़ तक पहुंचा। अगले वित्तीय वर्ष में 4922 नई सहकारी दुग्ध समितियों के गठन और 21922 समितियों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है।

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