CM Yogi News: गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में रविवार को एनेक्सी भवन में विकास परियोजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का उद्देश्य प्रदेश में चल रही प्रमुख परियोजनाओं की प्रगति का आकलन करना था। हालांकि, बैठक में पांच अधिकारी अनुपस्थित पाए गए, जिसके चलते मंडलायुक्त अनिल ढींगरा ने उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, कमिश्नर ने इन अधिकारियों का एक दिन का वेतन रोकने का आदेश जारी कर दिया है। इतना ही नहीं, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा करते हुए शासन को भी पत्र भेजा गया है। यह कदम स्पष्ट संदेश देता है कि सरकारी कार्यों और बैठकों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बैठक के बाद तत्काल एक्शन
सूत्रों के मुताबिक, CM Yogi आदित्यनाथ की बैठक के समाप्त होने के तुरंत बाद मंडलायुक्त ने कार्रवाई का आदेश जारी कर दिया। CM Yogi ने कहा कि विकास परियोजनाओं की समीक्षा बैठकें प्रदेश की प्रगति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, और ऐसे में किसी भी अधिकारी का अनुपस्थित रहना गंभीर अनुशासनहीनता माना जाएगा। कमिश्नर ने शासन को लिखे पत्र में यह भी कहा है कि इन अधिकारियों की जिम्मेदारियों की जांच की जाए और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए कड़े निर्देश जारी किए जाएं।
इन अधिकारियों पर गिरी गाज
जिन अधिकारियों पर यह कार्रवाई की गई है, उनमें सीएंडडीएस यूनिट 14, 19 और 42 के परियोजना प्रबंधक शामिल हैं। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ (यूपीआरएनएसएस)-प्रथम के अधिशासी अभियंता और बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य का नाम भी इस सूची में है। कमिश्नर ने इन पांचों अधिकारियों की अनुपस्थिति को सीधे तौर पर विकास परियोजनाओं की प्रगति में बाधा मानते हुए आदेश जारी किए हैं।
अनुशासन का सख्त संदेश
कमिश्नर अनिल ढींगरा की इस सख्त कार्रवाई से सरकारी कर्मचारियों के बीच स्पष्ट संदेश गया है कि योगी सरकार अनुशासन और समयबद्धता को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। विकास परियोजनाओं की समय पर पूर्णता सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। बैठक से अनुपस्थित रहने वाले पांचों अधिकारियों को अब विभागीय प्रक्रिया का सामना करना होगा, जिसमें जांच और संभावित अन्य दंड शामिल हो सकते हैं।
इस कार्रवाई से यह भी स्पष्ट होता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार प्रदेश में विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन पर पूरी तरह गंभीर है। अधिकारियों से अपेक्षा की जा रही है कि वे समय पर बैठक में उपस्थित रहें और अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन ईमानदारी से करें।
गोरखपुर में हुई इस घटना ने सभी सरकारी अधिकारियों के लिए अनुशासन का कड़ा संदेश दे दिया है। बैठक से अनुपस्थित रहने वालों के खिलाफ आगे भी ऐसी ही कार्रवाई की जा सकती है।