CM Rekha Gupta attack: दिल्ली की राजनीति में बुधवार, 20 अगस्त 2025 को एक सनसनीखेज घटना देखने को मिली, जब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर जनसुनवाई के दौरान हमला हुआ। यह हमला राजधानी में सुबह के समय हुआ, जब सीएम आम जनता की समस्याओं और शिकायतों को सुन रही थीं। अचानक एक अज्ञात व्यक्ति ने सीएम पर हमला कर दिया, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई। सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए हमलावर को पकड़ लिया और सीएम को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। इस घटना के बाद प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया।
घटना की जानकारी
सूत्रों के मुताबिक, यह हमला जनसुनवाई स्थल पर हुआ, जहां लोग अपनी शिकायतें और समस्याएं लेकर आए थे। हमलावर ने अचानक CM Rekha Gupta पर हमला किया, जिससे उपस्थित लोग डर गए और भगदड़ मच गई। सुरक्षा अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए हमलावर को काबू में किया। फिलहाल हमलावर की पहचान और हमले का उद्देश्य स्पष्ट नहीं हो पाया है। इस घटना के कारण उस दिन की सभी जनसुनवाई कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया।
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
दिल्ली पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत जांच शुरू कर दी है। घटनास्थल पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि हमलावर की पहचान जल्द ही हो जाएगी और हमले के पीछे की मंशा भी सामने आएगी। उपराज्यपाल और केंद्र सरकार को इस घटना की जानकारी दे दी गई है। इसके साथ ही सुरक्षा उपायों की समीक्षा करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस हमले के बाद राजनीतिक दलों में बयानबाजी तेज हो गई। विपक्षी दलों ने सुरक्षा में चूक को लेकर दिल्ली सरकार पर सवाल उठाए। वहीं, सत्तारूढ़ दल ने इस घटना को एक सोची-समझी साजिश बताया। भाजपा नेताओं ने हमले की कड़ी निंदा की और सीएम रेखा गुप्ता के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस घटना से आगामी चुनावी माहौल पर भी असर पड़ सकता है।
आगे की स्थिति
CM Rekha Gupta फिलहाल सुरक्षित हैं और डॉक्टरों की निगरानी में हैं। पुलिस और खुफिया एजेंसियां मिलकर मामले की गहन जांच कर रही हैं। सभी सुरक्षा उपायों की समीक्षा की जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। जनसुनवाई की अगली तिथियों पर फिलहाल रोक लगा दी गई है।
यह हमला राजधानी में सुरक्षा और राजनीतिक स्थिरता पर सवाल खड़ा करता है और प्रशासन तथा सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक गंभीर चेतावनी भी है।