Dimple Yadav Smart Meter Protest: समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने मैनपुरी क्षेत्र में बिना सहमति लगाए जा रहे स्मार्ट मीटरों और बढ़ते बिजली बिलों को लेकर बिजली विभाग के प्रति कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने विभाग के मुख्य महाप्रबंधक को दो पत्र भेजकर स्मार्ट मीटर से जुड़ी अनियमितताओं और उपभोक्ताओं की बढ़ती नाराजगी को विस्तार से बताया। डिंपल ने चेतावनी दी कि अगर यह कार्यप्रणाली पारदर्शी नहीं हुई तो मैनपुरी में जनआंदोलन छेड़ा जा सकता है।
Dimple Yadav ने AMISP योजना के तहत चल रहे स्मार्ट मीटर लगाने के अभियान को लेकर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को न तो इस बदलाव की जानकारी दी गई और न ही उनसे कोई सहमति ली गई। कई इलाकों में बिजली मीटर जबरन बदले गए, जिससे लोगों में असंतोष फैल गया है। उन्होंने यह भी बताया कि अभी तक 2 लाख 80 हजार मीटरों में से करीब 58 हजार 687 स्मार्ट मीटर बिना पूर्व सूचना के लगाए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में पारदर्शिता और उपभोक्ता सहभागिता का अभाव है। इतना ही नहीं, स्मार्ट मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं को मिलने वाले बिजली बिल में भारी वृद्धि देखी गई है। इससे आम जनता के बीच अविश्वास की भावना बढ़ रही है। उन्होंने बिजली विभाग से सवाल किया कि आखिर किस आधार पर मीटर बदले जा रहे हैं और उपभोक्ताओं को पहले से जानकारी क्यों नहीं दी गई।
अपने दूसरे पत्र में डिंपल यादव ने मैनपुरी क्षेत्र की बिजली समस्याओं को भी उजागर किया। उन्होंने ग्राम रठेरा, लोगपुर चौराहा-त्रिलोकपुर, नगरिया, उयदपुर (अंगौथा पंचायत), नगला आशा (दरवाह, घिरोर) जैसे स्थानों की स्थिति का हवाला देते हुए बताया कि कई जगह ट्रांसफॉर्मर खराब हैं, बिजली की लाइनें जर्जर हो चुकी हैं और स्पार्किंग की घटनाएं आम हो गई हैं। इसके बावजूद, विभाग की प्राथमिकता स्मार्ट मीटर लगाने पर ही क्यों है?
Dimple Yadav ने साफ कहा कि स्मार्ट मीटर योजना की तुरंत समीक्षा होनी चाहिए और इसे केवल उपभोक्ता की जानकारी और सहमति से ही लागू किया जाए। अगर विभाग ने जनता की भावनाओं की अनदेखी की तो समाजवादी पार्टी इसके खिलाफ सड़कों पर उतरेगी।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि बिजली बिलों की समीक्षा की जाए और स्पष्ट किया जाए कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद किस आधार पर बिलों में बढ़ोतरी हुई है।
डिंपल यादव का यह रुख स्पष्ट करता है कि स्मार्ट मीटर योजना अब सिर्फ तकनीकी नहीं, बल्कि जनहित से जुड़ा बड़ा मसला बन चुका है।