Fatehpur Tomb Dispute: 11 अगस्त 2025 को फतेहपुर के सदर कोतवाली क्षेत्र स्थित आबू नगर नई बस्ती में नवाब अब्दुल समद मकबरे को लेकर वर्षों से चल रहा विवाद अचानक उग्र हो गया। बीजेपी व विभिन्न हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने प्रशासन द्वारा लगाए गए बैरिकेड तोड़कर धार्मिक स्थल में प्रवेश किया और वहां पूजा-अर्चना की। उनका दावा है कि यह स्थल प्राचीन हिंदू मंदिर है, जिसे ऐतिहासिक काल में मकबरे में परिवर्तित कर दिया गया था।
विवाद का पृष्ठभूमि
आबू नगर का यह स्थल लंबे समय से हिंदू व मुस्लिम समुदायों के बीच टकराव का केंद्र रहा है। बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष आशीष मिश्रा, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे संगठनों का कहना है कि मकबरे के भीतर त्रिशूल और कमल के फूल जैसे हिंदू प्रतीक मौजूद हैं। इस आधार पर वे इसे मंदिर मानते हैं और पुनर्स्थापना की मांग कर रहे हैं। इन संगठनों ने 11 अगस्त को पूजा-अर्चना और सौंदर्यकरण की योजना बनाकर प्रशासन से अनुमति मांगी थी।
मुस्लिम पक्ष, जिसमें मस्जिद कमेटी और राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल शामिल हैं, इन दावों को निराधार बताते हैं। उनका कहना है कि इस स्थल के सरकारी दस्तावेजों में इसे नवाब अब्दुल समद मकबरा दर्ज किया गया है, जो एक ऐतिहासिक धरोहर है। वे चाहते हैं कि इसकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
घटना का घटनाक्रम
सुबह से ही सैकड़ों कार्यकर्ता मकबरे के पास जुटने लगे। पुलिस ने पहले से ही बैरिकेड और सुरक्षा बल की तैनाती कर रखी थी, लेकिन भीड़ ने अवरोध तोड़ दिए और अंदर पहुंचकर “जय श्री राम” के नारे लगाते हुए पूजा शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस के साथ तीखी झड़प भी हुई। स्थिति बिगड़ने पर अतिरिक्त पुलिस बल और पीएसी मौके पर बुला ली गई।
प्रशासन की कार्रवाई
Fatehpur जिला प्रशासन ने इस स्थल को विवादित मानते हुए पुरातत्व विभाग से जांच का अनुरोध किया है। एडीएम अविनाश त्रिपाठी ने कहा कि शांति बनाए रखने के लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
दोनों पक्षों के बयान
- हिंदू संगठनों का रुख: विहिप प्रांत उपाध्यक्ष वीरेंद्र पांडेय का कहना है कि यह आस्था का प्रश्न है और मंदिर के पुनर्जागरण के लिए वे संघर्ष जारी रखेंगे।
- मुस्लिम पक्ष का रुख: उन्होंने इस कदम को गैरकानूनी करार दिया और मामले को हाईकोर्ट ले जाने की बात कही।
मौजूदा हालात
फिलहाल इलाके में भारी पुलिस बल तैनात है। Fatehpur प्रशासन दोनों समुदायों से संवाद कर तनाव कम करने का प्रयास कर रहा है। स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को टाला जा सके।