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Tuesday, August 19, 2025
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अराजकता से यादववाद तक… ओपी राजभर का अखिलेश यादव पर A से Z तक वार

OP Rajbhar Slam Akhilesh Yadav: लखनऊ की राजनीति में इन दिनों ‘ABCD’ की बहस ने माहौल गरमा दिया है। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के हालिया बयान पर पलटवार करते हुए यूपी सरकार में मंत्री और सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने सपा शासनकाल को लेकर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने तंज किया कि सपा की असली ABCD का मतलब है – A से अराजकता, B से भ्रष्टाचार, C से चोर और D से दलाली। राजभर ने दावा किया कि अखिलेश काल में शासन व्यवस्था में स्थायित्व का अभाव, अपराधियों को संरक्षण, टिकट और पद के बदले सिफारिशी राजनीति तथा जातिवाद हावी रहा।

OP Rajbhar ने शिक्षा व्यवस्था को विशेष रूप से निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि उस समय सरकारी स्कूल नकल माफिया और भर्ती घोटालों के गढ़ बन चुके थे। टूटी दीवारें, गिरती छतें, गंदे शौचालय और घटती उपस्थिति शिक्षा की पहचान बन गई थी। इसके विपरीत, योगी सरकार में 96% से अधिक सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। उन्होंने बताया कि 11,500 करोड़ रुपये के निवेश से ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ के तहत स्कूलों का कायाकलट हुआ और इस साल ‘स्कूल चलो अभियान’ से 27 लाख से अधिक नए बच्चों का नामांकन हुआ है।

बालिका शिक्षा पर जोर देते हुए राजभर ने बताया कि अटल आवासीय विद्यालयों में 18,000 से अधिक श्रमिक और अनाथ बच्चों को मुफ्त शिक्षा और स्किल ट्रेनिंग दी जा रही है। वहीं 1,722 पीएम-श्री स्कूलों में स्मार्ट क्लास, डिजिटल लाइब्रेरी और आईसीटी लैब की सुविधा है। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों को भी आधुनिक संसाधनों से लैस किया गया है।

सिर्फ ABCD तक सीमित न रहते हुए, ओपी राजभर ने पूरे वर्णमाला के जरिए अखिलेश सरकार पर आरोप लगाए। उनके मुताबिक – A से अराजकता, B से भ्रष्टाचार, C से चोर, D से दलाली, E से ईर्ष्या, F से फर्जीवाद, G से गुंडागर्दी, H से हेराफेरी, I से इंफ्रास्ट्रक्चर की अनदेखी, J से जातिवाद, K से कुशासन, L से लाल बत्ती संस्कृति, M से मुलायम रुख, N से नौटंकी, O से ओछी राजनीति, P से पिछड़ापन, Q से क्वालिटी की कमी, R से रिश्तेदारवाद, S से सांप्रदायिक तुष्टिकरण, T से टोपी ड्रामा, U से उदासीनता, V से वोट बैंक, W से अधूरा विकास, X से X-फैक्टर की कमी, Y से यादववाद और Z से जीरो बदलाव – यही सपा शासन की पहचान रही।

OP Rajbhar ने तंज कसा कि सपा राज में शिक्षा के मंदिर ढह गए, जबकि भाजपा राज में ज्ञान के दीप जले। उनका कहना था कि जिन 3.45 करोड़ बच्चों को सपा ने स्कूल से दूर किया, भाजपा ने उन्हें किताब और क्लास से जोड़ा।

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