Yogi Govt GCC Policy 2025: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में टेक्नोलॉजी आधारित विकास को बढ़ावा देने के लिए 2024 में “ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स” (GCC) नीति शुरू की है। इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य अगले पांच वर्षों में राज्य में 2 लाख से अधिक हाई-सैलरी नौकरियां उत्पन्न करना और विदेशी निवेशकों को आकर्षित करना है। नीति के अंतर्गत नोएडा, लखनऊ, कानपुर और वाराणसी जैसे प्रमुख शहरों को डिजिटल और तकनीकी सेवाओं के केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा।
सरकार का लक्ष्य है कि Fortune 500 कंपनियों और 100 करोड़ रुपये से अधिक के FDI वाली कंपनियों को आकर्षित किया जाए। इसके लिए विशेष अनुकूल प्रोत्साहन पैकेज तैयार किया गया है, ताकि वैश्विक दिग्गज कंपनियां यूपी में अपने निवेश को प्राथमिकता दें। इससे न केवल आर्थिक विकास को बल मिलेगा बल्कि युवाओं को गुणवत्तापूर्ण रोजगार भी मिलेगा।
नीति में लेवल-1 और एडवांस्ड जीसीसी के लिए अलग-अलग मानदंड तय किए गए हैं। उदाहरण के लिए, लेवल-1 जीसीसी के लिए गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद के बाहर 15 करोड़ रुपये और 500 कर्मचारियों की शर्त रखी गई है, जबकि इन जिलों में यह सीमा 20 करोड़ रुपये है। वहीं, एडवांस्ड जीसीसी के लिए यह मानक 50 से 75 करोड़ रुपये निवेश और 1,000 कर्मचारियों की संख्या तय की गई है।
निवेशकों को लुभाने के लिए Yogi Govt ने वित्तीय प्रोत्साहनों की एक लंबी सूची पेश की है, जिसमें भूमि पर 30-50% सब्सिडी, 100% स्टांप ड्यूटी माफी, पूंजीगत सब्सिडी, ब्याज सब्सिडी, परिचालन खर्च पर सब्सिडी और प्रति कर्मचारी पेट्रोल सब्सिडी शामिल है। यह पैकेज निवेशकों की लागत को घटाकर यूपी को प्रतिस्पर्धी निवेश गंतव्य बनाने का प्रयास है।
Yogi Govt जीसीसी नीति नवाचार और स्टार्टअप्स को भी बढ़ावा देती है। इसमें आइडिएशन स्टेज पर स्टार्टअप्स को 2 करोड़ तक की लागत प्रतिपूर्ति, पेटेंट कराने के लिए 5-10 लाख रुपये की सब्सिडी और उत्कृष्टता केंद्रों को 10 करोड़ रुपये तक का अनुदान मिलेगा।
इस नीति के जरिए उत्तर प्रदेश डिजिटल युग में मजबूत भूमिका निभाते हुए राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर खुद को तकनीकी शक्ति के रूप में स्थापित कर सकेगा।