Ghaziabad house tax: गाजियाबाद नगर निगम ने बिना बोर्ड की मंजूरी के सर्कल रेट के हिसाब से हाउस टैक्स बढ़ा दिया है, जिससे शहर के निवासियों में असंतोष व्याप्त हो गया है। इस बदलाव के कारण पुराने हाउस टैक्स की तुलना में बिल लगभग चार गुना ज्यादा आ रहे हैं। खासतौर पर उन लोगों को परेशानी हो रही है जो मध्यम वर्ग में आते हैं और जिनके घर पुराने हैं। नगर निगम की इस नई पद्धति पर पार्षदों में भी मतभेद देखने को मिल रहे हैं।
मेयर सुनीता दयाल ने कहा कि इस मामले पर नगर आयुक्त और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी ताकि पुराने और नए टैक्स के बीच अंतर का आंकलन किया जा सके। यदि टैक्स में अत्यधिक वृद्धि होती है तो इसे फिर से संशोधित करने पर विचार होगा।
निगम Ghaziabad ने पुराने घरों को टैक्स में छूट देने का प्रावधान रखा है, लेकिन उसके लिए कागजी कार्रवाई अनिवार्य है। दस साल तक पुराने मकानों के लिए छूट के लिए कोई दस्तावेज नहीं चाहिए, लेकिन 10 से 20 साल और 20 से 40 साल पुराने मकानों के लिए क्रमशः 32.5 प्रतिशत और 40 प्रतिशत छूट दी जाएगी। इसके अलावा, जो लोग 31 जुलाई तक टैक्स जमा करवा देंगे, उन्हें 20 प्रतिशत अतिरिक्त छूट मिलेगी, और ऑनलाइन भुगतान करने पर 1 प्रतिशत की और छूट का फायदा होगा। कुल मिलाकर एक करदाता को अधिकतम 61 प्रतिशत तक की छूट मिल सकती है, जबकि न्यूनतम छूट 46 प्रतिशत तक सीमित रहेगी।
पिछले समय तक नगर निगम हाउस टैक्स कवर्ड एरिया के आधार पर वसूलता था, लेकिन अब कारपेट एरिया के हिसाब से टैक्स वसूली का नियम लागू किया गया है। कारपेट एरिया में दीवार का हिस्सा नहीं आता जबकि कवर्ड एरिया में दीवार भी शामिल होती है। इस बदलाव से टैक्स की गणना का आधार बदल गया है और इससे कुछ हद तक छूट भी मिल सकती है।
वसुंधरा, मोहननगर, सिद्धार्थ विहार और टीएचए जैसे क्षेत्रों में नए टैक्स के बिल वितरित हो चुके हैं, जहां लोगों ने जोरदार विरोध शुरू कर दिया है। निवासी बताते हैं कि पहले जहां वे लगभग एक हजार रुपये हाउस टैक्स देते थे, अब वही बिल तीन से सात हजार रुपये तक पहुंच गया है। कई लोग इसे आर्थिक रूप से असहनीय मान रहे हैं और बिल भरने से इंकार कर रहे हैं। उनकी शिकायत है कि शहर में नागरिक सुविधाएं पहले से ही ठीक नहीं हैं, ऐसे में बढ़े हुए टैक्स का बोझ झेलना मुश्किल है।
Ghaziabad नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि बिल चार गुना नहीं बढ़ाए गए हैं और लोगों को इस बदलाव के बारे में जागरूक किया जा रहा है। किसी को भी किसी तरह की समस्या हो तो वे निगम कार्यालय जाकर इसकी शिकायत कर सकते हैं। हालांकि, जनता का गुस्सा शांत होने का नाम नहीं ले रहा, जो यह दर्शाता है कि नगर निगम को इस मामले में और पारदर्शिता और संवाद की जरूरत है।